अन्नदाता खुद को बनाएं बहुआयामी, बढ़ाएं अपनी आय, किसान कल्याण मिशन का हुआ प्रदेशव्यापी शुभारंभ

- पहले दिन जनपद के काशी विद्यापीठ और आराजी लाइन ब्लॉकों में हुए कार्यक्रम

- कृषकों को दी कई स्कीमों की जानकारी, नई तकनीकों के बारे दिया गया प्रशिक्षण

- योगी सरकार ने अन्नदाताओं के लिए उठाए कई महत्वपूर्ण कदम रू हंसराज विश्वकर्मा



सुरोजीत चैटर्जी

वाराणसी। अन्नदाताओं की आय दोगुनी करने समेत उनकी स्थिति बेहतर बनाने और आधुनिक तकनीकों के माध्यम से उपज में अपेक्षाकृत बढ़ोतरी के उद्देश्य से बुधवार को ‘किसान कल्याण मिशन’ की प्रदेशव्यापी शुरुआत की गयी। मुख्य रूप से विकास खंड मुख्यालयों पर अलग-अलग तिथियों में यह आयोजन होंगे। वाराणसी जनपद में पहले दिन काशी विद्यापीठ और आराजी लाइन ब्लॉकों में हुए कार्यक्रमों में भारी संख्या में महिला व पुरुष किसानों ने उपस्थिति दर्ज करायी। उन्हें शासन की योजनाओं और कृषि क्षेत्र में अबतक की उपलब्धियां बतायी गईं। साथ ही खेती-बाड़ी की नयी तकनीकों के बारे में प्रशिक्षित किया गया। साथ ही विभिन्न योजनाओं में चयनित किसानों को लाभांवित किया गया।

काशी विद्यापीठ विकास खंड के चांदपुर स्थित कलेक्ट्री फार्म शोध प्रक्षेत्र में किसान कल्याण मिशन के अंतर्गत किसान मेला गोष्ठी एवं प्रदर्शनी का उद्घाटन भाजपा जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा, जिला कृषि अधिकारी सुभाष मौर्य और मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. वीबी सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अन्नदाताओं की बेहतरी के लिए कृत संकल्प हैं। उसी क्रम में यूपी की योगी सरकार ने इस मिशन की शुरुआत की है। ताकि किसान मात्र खेती-बाड़ी में ही नहीं बल्कि बहुआयामी ढंग से कार्य अपनी आमदनी दोगुनी करने में सक्षम हों।



श्री विश्वकर्मा ने पिछली सरकारों की तुलना में वर्तमान भाजपा सरकार में कृषि क्षेत्र में हुई उल्लेखनीय प्रगति, किसानों के लिए लागू की गयी योजनाओं से लाभांवित हुए अन्नदाता और खाद्यान्न खरीद आदि की उपलब्धियों की याद दिलायी। उन्होंने वर्ष 2017 में योगी सरकार बनने के बाद से लेकर अबतक किसानों के लिए की गयी पहल की जानकारी दी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, कृषि यंत्रीकरण योजना, हरित क्रांति विस्तार योजना आदि की ओर ध्यान दिलाया।

इस अवसर पर जिला कृषि अधिकारी सुभाष मौर्य ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आपदाओं के चलते उपज को होने वाले नुकसान की क्षतिपूर्ति के उद्देश्य से इंश्योरेंस कराया जाता है। जिसमें ऋणी एवं गैरऋणी किसान अपनी इच्छानुसार बीमा करा सकते हैं। इसके लिए खरीफ में दो प्रतिशत और रबी में 1.5 फीसदी की दर से बीमित अंश जमा किया जाता है। खरीफ में 31 जुलाई तथा रबी में 31 दिसंबर तक बीमा कराने की अंतिम तिथि निर्धारित है।



यह हैं कुछ उपलब्धियां

- योगी सरकार में किसानों के एक लाख रुपये तक के ऋण माफ को मिली मंजूरी

- सूबे में 86 लाख लघु सीमांत कृषकों का 36 हजार करोड़ रुपये का लोन माफ

- खाद की कालाबाजारी बंद करने को पीएम मोदी की पहल पर नीम कोटेड यूरिया

- पूर्व की सरकारों में दस लाख एमटी गेहूं खरीद, अब चार गुना से अधिक खरीद

- यूपी में गन्ना किसानों का पहले का बकाया 12 हजार करोड़ रुपये किया भुगतान

- बंद चीनी मिलों में से 18 को योगी सरकार ने तीन साल में सुदृढ़-क्रियाशील कराया

पोर्टल पर करें आवेदन

- कृषि यंत्रीकरण योजना में पंजीकृत कृषकों पोर्टल के जरिये टोकन प्राप्त कर एक लाख रुपये तक अनुदान वाले यंत्रों के लिए रुपये ढाई हजार रुपये और अधिक सब्सिडी वाले यंत्रों के लिए पांच हजार रुपये टोकन धनराशि बैंकों में जमा कर उपकरण खरीद के लिए आवेदन दे सकते हैं। उस पर खरीद मूल्य का 50 फीसदी और 40 प्रतिशत अनुदान डीबीटी के माध्यम से किसान के खाते में भेजा जाता है।



क्लस्टर प्रदर्शन पर अनुदान

- हरित क्रांति विस्तार योजना में धान के क्लस्टर प्रदर्शन के लिए प्रति हेक्टेयर की दर से नौ हजार रुपये का अनुदान किसान के खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिये विभाग भेजता है। कृषि यंत्रीकरण योजना में उपकरणों पर सब्सिडी का प्रावधान है।

1226 जैविक क्लस्टर होंगे गठित

- वर्मी कंपोस्ट की योजना के तहत मृदा में जीवांश कार्बन की बढ़ोतरी के लिए जनपद के सभी राजस्व गांवों में एक किसान के यहां इसका निर्माण कराने का प्रावधान है। इस पर कुल आठ हजार रुपये की लागत का 75 फीसदी यानी छह हजार रुपये अनुदान के तौर पर निर्माण के बाद डीबीटी के माध्यम से देते हैं। दूसरी ओर, जैविक खेती बढ़ाने के लिए संचालित पारंपरिक कृषि विकास योजना एवं नमामि गंगे योजना समेत रासायनिक उर्वरकों तथा कीटनाशकों का प्रयोग कम करने व भूमि में जीवांश की मात्रा के लिए जनपद के सभी ब्लॉकों में 1226 जैविक क्लस्टर गठित करने का लक्ष्य है।



फोटोवोल्टिक पंप पर सब्सिडी

- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना के अंतर्गत जिले में गेहूं एवं दलहनी फसलों के क्लस्टर प्रदर्शन और बीज मिनी किट मुहैया कराते हैं। इस प्रकार के प्रदर्शन पर प्रति हे. नौ हजार की सब्सिडी है। वहीं, पीएम कुसुम स्कीम में तीन एचपी तथा पांच एचपी के एसी-डीसी सोलर फोटोवोल्टिक पंप पर 60 प्रतिशत व 50 फीसदी की सब्सिडी का प्रावधान है। शेष धनराशि कृषक अंश के रूप में किसान को वहन करना है।

कई योजनाओं में यह हुए लाभांवित

- द्वारिका प्रसाद मिसिरपुर, हीरालाल एवं आशीष राय कोरौता, सुभाष रमना, शिव कुमार सरायडगरी, उमाशंकर सिंह कुरहुआ, श्यामधनी व रामधनी, मुन्नालाल एवं शुभावती देवी समेत प्रदीप कुमार एवं लाल बहादुर रमसीपुर, लालजी भरथरा, कमला पटेल व जगवंता लखमीपुर, सियाराम बेटावर, विजय शंकर कुरूहुआ।


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