यूपी गेट पर किसान ने लगाई फांसी, लिखा था सुसाइड नोट, आंदोलन स्थल पर करो अंतिम संस्कार

रामपुर जिले के कश्मीर सिंह काफी दिनों से शामिल थे आंदोलन में

किसान का बेटा और पोता भी कई दिनों से लंगर में दे रहे थे सेवा



जनसंदेश न्यूज़

गाजियाबाद। नए केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में यूपी गेट पर चल रहे किसान आंदोलन में शामिल एक बुजुर्ग किसान कश्मीर सिंह ने शनिवार सुबह गाजियाबाद नगर निगम के दिव्यांग शौचालय में फांसी लगा ली। सफाई कर्मी शौचालय में सफाई करने पहुंचा तो उसे शव शौचालय में लटका मिला। नगर निगम के सफाई कर्मचारी ने इसकी जानकारी किसान नेताओं को दी।

शव मिलने की जानकारी मिलते ही आंदोलन में आए किसानों के बीच हड़कंप मच गया।  इसके बाद किसान नेताओं ने बुजुर्ग किसान की आत्महत्या की सूचना पुलिस को दी गई। जानकारी के अनुसार, रामपुर जिले के रहने वाले 70 वर्षीय कश्मीर सिंह पिछले काफी दिनों से आंदोलन में शामिल थे। जहां पर उनका बेटा और पोता भी कई दिनों से किसानों के लिए चल रहे लंगर सेवा में दे रहे थे। घटना स्थल पर किसान कश्मीर सिंह का सुसाइड नोट मिला है।

आंदोलन को लेकर सरकार की बेरुखी को देखते हुए वह परेशान थे, जिसके कारण उन्होंने यह कदम उठाया। दो पेज के लिखे सुसाइड नोट में उन्होंने बताया है कि यह सरकार सुन नहीं रही है, इसलिए अपनी जान दे रहा हूं ताकि कोई हल निकल सके। इसलिए अंतिम संस्कार आंदोलन स्थल पर करने की इच्छा जताई है। सुसाइड नोट को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है।

पिछले 24 घंटे में यूपी बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन में दो किसानों की मौत से किसानों में आक्रोश है। वहीं, दूसरी और शुक्रवार को यूपी गेट पर चल रहे किसान आंदोलन में शामिल गलतान सिंह की तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई। आंदोलन में उनके दो पुत्र, भाई व भतीजा भी शामिल हैं। उनके गांव से करीब दो दर्जन किसान मौजूद हैं। परिजनों ने शव का पोस्मार्टम कराने से इनकार कर दिया। पुलिस ने शव को परिजनों को सौंप दिया। परिजन शव को लेकर रामपुर ले गए।


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