लाल बिहारी मृतक ने अपनी बायोपिक कागज को लेकर निर्देशक पर लगाया विश्वासघात का आरोप, फिल्म रोकने की मांग
जनसंदेश न्यूज़
(आजमगढ़)। मृतक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालबिहारी मृतक ने अपने संघर्षमय जीवन पर रिलीज होने वाली फिल्म कागज पर रोक लगाने की मांग करते हुए फिल्म निर्देशक सतीष कौशिक पर विश्वासघात करने का आरोप लगाया है। मृतक इस फिल्म को लेकर शहर के राजघाट स्मशान पर पत्रकारों से बात-चीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुझे जिंदा होने के लिए 18 वर्षों तक संघर्ष करना पड़ा था। 18 वर्ष के संघर्ष के बाद 30 जून 1994 को कागजी मुर्दा से पुनरू जिंदा हो पाया। अपने साथ अन्य कागजी मृतकों को भी लड़ाई लड़कर ङ्क्षजदा किया है।
उन्होंने कहा कि मेरे संघर्ष भरे जीवन पर फिल्म बनने के लिए निर्देशक सतीष कौशिक वर्ष 2003 में फिल्म लेखक इम्तेयाज हुसैन के साथ मेरे घर पर आए थे। इसके बाद फिल्म का काम शुरू कर दिया गया। फिल्म बनाने में मै और मेरा परिवार सहयोग करता रहा। कागज फिल्म में मेरा लिखा दो गाना भी है। मृतक ने आरोप लगाया कि मेरे संघर्ष भरे जीवन की कहानी को तोड़-मरोड़कर किसान ,बुनकर की जगह बैंडबाजा वाला बना दिया गया है। लालबिहारी मृतक की जगह पर भरत लाल मृतक बताया गया है। यही नहीं फिल्म में मेरे लिए अछूत शब्द का भी प्रयोग किया गया है। मृतक ने कहा कि सात जनवरी के रिलीज होने वाली फिल्म कागज पर रोक लगाया जाए।