किसानों के समर्थन में बाबा राम सिंह ने खुद को मारी गोली, मौत, आंदोलन में थे शामिल, पढ़़े सुसाइड नोट
जनसंदेश न्यूज़
नई दिल्ली। दिल्ली सीमा के पास सिंधु बार्डर पर किसानों के आंदोलन में शामिल संत बाबा राम सिंह ने खुद को गोली मार ली। मिली जानकारी के अनुसार उनकी मौत हो गई है।
करनाल के रहने वाले बाबा राम सिंह करनाल किसानों के आंदोलन का समर्थन कर रहे थे और धरने में शामिल थे। जानकारी के अनुसार एक सुसाइड नोट भी सामने आया है। उन्होंने किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए उनके हक के लिए आवाज बुलंद की है। संत बाबा राम सिंह किसान थे और हरियाणा एसजीपीसी के नेता थे।
सुइसाइड नोट का हिंदी अनुवाद
किसानों का दुख देखा है अपने हक के लिए
सड़कों पर उन्हें देखकर मुझे दुख हुआ है
सरकार इन्हें न्याय नहीं दे रही है
जो कि जुल्म है
जो जुल्म करता है वह पापी है
जुल्म सहना भी पाप है
किसी ने किसानों के हक के लिए तो किसी ने जुल्म के खिलाफ कुछ किया है
किसी ने पुरस्कार वापस करके अपना गुस्सा जताया है
किसानों के हक के लिए, सरकारी जुल्म के गुस्से के बीच सेवादार आत्मदाह करता है
यह जुल्म के खिलाफ आवाज है
यह किसानों के हक के लिए आवाज है
वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरुजी की फतेह
किसानों का दुख देखा है अपने हक के लिए
सड़कों पर उन्हें देखकर मुझे दुख हुआ है
सरकार इन्हें न्याय नहीं दे रही है
जो कि जुल्म है
जो जुल्म करता है वह पापी है
जुल्म सहना भी पाप है
किसी ने किसानों के हक के लिए तो किसी ने जुल्म के खिलाफ कुछ किया है
किसी ने पुरस्कार वापस करके अपना गुस्सा जताया है
किसानों के हक के लिए, सरकारी जुल्म के गुस्से के बीच सेवादार आत्मदाह करता है
यह जुल्म के खिलाफ आवाज है
यह किसानों के हक के लिए आवाज है
वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरुजी की फतेह