मीरजापुर के इन पत्थरों से अयोध्या में होगा प्रभु श्रीराम के मंदिर का निर्माण, सैंपल परीक्षण के लिए गया प्रयोगशाला



भारत भूषण त्रिपाठी

इमिलिया चट्टी/मीरजापुर। काफी लंबे समय से मंदी का मार झेल रहे अहरौरा का पत्थर व्यवसायियों के दिन बहुरने वाले हैं क्योंकि अब यहां के पत्थरों से अब अयोध्या में बन रहे भगवान श्री राम के मंदिर का निर्माण होने की संभावना है। इस समाचार से स्थानीय पत्थर व्यवसायियों में हर्ष व्याप्त है। लोगों का कहना है कि अब पत्थर व्यवसाय एक बार पुनरू अपनी नई पहचान बनाएगा। 

बता दें कि राजस्थान के बंसी पहाड़पुर के गुलाबी पत्थरों की खदानों से निकलने वाले उप खनिजों पर भरतपुर जिला प्रशासन की रोक के बाद श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की नजर अहरौरा के गुलाबी पत्थरों पर है। इन पत्थरों का सैंपल परीक्षण के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है। पत्थरों की गुणवत्ता का वैज्ञानिक परीक्षण होने के बाद डिमांड की उम्मीद जताई जा रही है। मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट को तकरीबन साढे़ चार लाख घन फीट गुलाबी पत्थरों की आवश्यकता बनी हुई है। 



एनजीटी की टीम ने सोमवार की देर शाम खनन इलाके के पत्थर कटर प्लांट के व्यवसायियों से मुलाकात की। इसके पूर्व भी मंदिर निर्माण ट्रस्ट के लोगों द्वारा भी इलाके में आकर पत्थरों का सैंपल लिया गया है। पत्थरों के निर्धारित दर के अनुसार तकरीबन चालीस करोड़ रुपए का पत्थर यहां से जानने की संभावना है। पत्थर कारोबार से जुड़े लोगों का अनुमान है कि 60 मीटर गहरी नींव के उपरी सतह पर एक हजार दो सौ पिलर पायलिंग करके तैयार किए जाने की कार्य योजना है। 

लगभग ढ़ाई एकड़ क्षेत्र में फैले निर्माण क्षेत्र में एक लाख पांच हजार 147 वर्गफीट क्षेत्रफल में पत्थर के पिलर लगाए जाने हैं। जिसकी आपूर्ति अहरौरा इलाके के गुलाबी पत्थरों से किए जाने की संभावना बनी हुई है। कटर प्लांट संचालक वीरेंद्र कुमार सिंह उर्फ राजू सिंह महादेव ने बताया कि अहरौरा के गुलाबी पत्थरों की क्वालिटी पिंक सैंड स्टोन के मामले में काफी अच्छी रही है। 

इसका रंग कभी अपनी सुंदरता नही खोता है। पूर्व में भी यहां के गुलाबी पत्थरों से कई इमारत बने हैं जो आज भी अपनी प्राचीनता एवं सुंदरता के लिए जाने जाते हैं। किले की दिवारों और राज महलों के निर्माण में इसकी भूमिका रही है। इसके गुणवत्ता की कोई निर्धारित समय सीमा नहीं है। इन पत्थरों में अत्याधिक भार सहन करने की क्षमता होती है। मंदिर निर्माण के लिए अहरौरा क्षेत्र से गुलाबी पत्थर की आपूर्ति करना हम सब के लिए गौरव की बात है। 

गुणवत्ता का वैज्ञानिक परीक्षण विशेषज्ञों की टीम द्वारा किया जा रहा है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही डिमांड के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। यहां के प्रमुख पत्थर व्यवसाई गुलाब मौर्या का कहना है कि यहां के गुलाबी पत्थरों से ही लखनऊ एवं नोएडा में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के कार्यकाल में पार्को का निर्माण हुआ है जो आज भी लोगों के लिए आकर्षित करता रहता है।


Popular posts from this blog

'चिंटू जिया' पर लहालोट हुए पूर्वांचल के किसान

लाइनमैन की खुबसूरत बीबी को भगा ले गया जेई, शिकायत के बाद से ही आ रहे है धमकी भरे फोन

नलकूप के नाली पर पीडब्लूडी विभाग ने किया अतिक्रमण, सड़क निर्माण में धांधली की सूचना मिलते ही जांच करने पहुंचे सीडीओ, जमकर लगाई फटकार