ये चंचल सी सर्द हवाएं, कंपकंपा रहीं तन-बदन को
० वाराणसी में वायु प्रदूषण का संकट भी गहराया
० गलन में तब्दील
हुई ठंड, बढ़ी लोगों की
दुश्वारियां
धुंध और सर्द हवाओं के बीच बनारस की सुबह फोटो-क्रेजी ब्वाय |
जनसंदेश न्यूज
वाराणसी। सर्द हवाएं रेतीली होती जा रही हैं। गलन बढ़ रही है
और लोगों की दुश्वारियां भी। शनिवार को बनारस का न्यूनतम तापमान जहां 8.8 डिग्री सेल्सियस रहा, वहीं अधिकतम तापमान 19.5 दर्ज किया गया। मुश्किल यह है कि शहर में वायु की गुणवत्ता भी लगतार खराब होती
जा रही है। शनिवार को शहर में वायु प्रदूषण (एक्यूआई) 312 दर्ज किया गया। यह स्थिति बेहद खतरनाक मानी
जाती है। प्रदूषण के चलते धुंध बना हुआ है। कोहरे के चलते स्थिति और भी ज्यादा खराब
हो गई है।
सर्द हवाओं के चलते
ठंड में रोजाना इजाफा हो है। इसकी मार आम आदमी को ज्यादा झेलनी पड़ रही है। दिन में
कभी बादल छा रहे हैं तो कभी आसमान साफ दिख रहा है। बादलों की आवाजाही के बीच पछुआ हवाएं
गलन लेकर आ रही हैं। ठंड का कहर किसान और गरीब तबके के लोगों पर ज्यादा है। झुग्गी
झोपड़ी से लेकर गरीब तबके के लोग ठंड से बहुत अधिक परेशान हैं। ग्रामीण इलाकों में
अलाव का इंतजाम नहीं हुआ है।
शीतलहर के कारण
जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। गलन बढ़ने से सर्द हवा के झोकों से उंगलियां फूट
रही हैं। शनिवार को कड़ाके की ठंड के चलते लोग घरों में दुबके रहे। सुबह सात बजे
तक सड़कों पर इक्का-दुक्का वाहन दिख रहे थे। रेलवे और बस अड्डों पर लोग कांपते नजर
आए। सर्द हवा के चलते लोगों की दिनचर्या खासी प्रभावित रही। बाजार में सन्नाटा
पसरा रहा। नगर निगम प्रशासन अभी तक अलाव जलवाने में संजीदा नहीं दिख रहा है। इसके चलते रिक्शा, टैंपो, जीप और बसों का इंतजार करने वाले लोग कांपते देखे गए।
मौसम विज्ञानियों
ने अल्टीमेटम दिया है कि आगले 48 घंटों में मौसम में
कोई खास सुधार की गुंजाइश नहीं है। पहाड़ में भारी बर्फबारी और बारिश का असर मैदानी
इलाकों में देखने को मिल रहा है। हालांकि ठंड का मौसम रबी की फसलों से लिए अच्छी मानी
जाती है।