पत्नी से विवाद के बाद युवक ने बेटी समेत राह चली महिला को उतारा मौत के घाट, कुल चार अन्य गम्भीर रूप से घायल



जनसंदेश न्यूज़

शाहगंज/जौनपुर। नगर के भादी मोहल्ले में मंगलवार की सुबह एक युवक ने धारदार हथियार से अपनी पुत्री व एक राह चलती महिला को मौत के घाट उतार दिया। वहीं बीच-बचाव करने आयी पत्नी बेटा भयोहू व पड़ोसी को गम्भीर रूप से घायल कर दिया। किसी तरह अगल-बगल के लोगों ने पकड़कर आरोपित युवक को पुलिस के हवाले कर दिया। 

भादी मोहल्ला निवासी आजम खां का 35 वर्षीय पुत्र मुमताज उर्फ सोनू ने मंगलवार की सुबह चापड़ से मारकर अपनी 7 वर्षीय बेटी हुमैरा के सर पर हमला कर हत्या कर दिया। वहीं राह से गुजर रही नोनहट्टा मोहल्ला निवासी 70 वर्षीय सुलेमा पर भी जानलेवा हमला कर दिया। बीच बचाव करने आयी पत्नी 30 वर्षीय फिरदौस साथ खड़े 3 वर्षीय पुत्र मोहम्मद पड़ोसी 36 वर्षीय मंजूर हसन एवं भयोहू 24 वर्षीय निलोफर को गम्भीर रूप से घायल कर दिया। 

वहीं रेफर होने के बाद जिला चिकित्सालय जाने के दौरान नोनहट्टा मोहल्ला निवासी महिला सुलेमा की मौत हो गयी। मौत से तमतमायें परिजनों व ग्रामीणों ने लुम्बनी दुद्धी मार्ग स्थित रामलीला भवन चैक पर चक्काजाम कर दिया। मौके पर पहुंचे एसडीएम राजेश कुमार वर्मा सीओ अंकित कुमार ने लोगों को समझा-बुझाकर किसी तरह अवरुद्ध मार्ग खाली कराया। फिलहाल लोग कोतवाली में डटे रहे। वहीं पुलिस अधीक्षक नगर डा. संजय कुमार भी कोतवाली पहुंचे। आरोपित युवक विक्षिप्त बताया जा रहा है। वहीं पुलिस ने दोनों शव को कब्जे में ले पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घटना के बाद घटनास्थल पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक राजकरन नैय्यर ने मामले की जानकारी कर आरोपित युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।



हत्यारे के ऊपर खून सवार हो गया था

शाहगंज। युवक द्वारा दोहरे हत्याकांड को अंजाम देने के दौरान उसके ऊपर खून सवार हो गया था। बेटी हुमैरा को चापड़ से सर पर मार हत्या के बाद पत्नी फिरदौस, मां चंदा बानो पड़ोसी मंजूर हसन भयोहू निलोफर को गम्भीर रूप से घायल कर दिया। वहीं घर के बाहर से गुजर रही नोनहट्टा मोहल्ला निवासी सुलेमा को सड़क पर पकड़ चापड़ से हमला कर दिया। हमला करने के बाद उसने महिला को काटना शुरू किया। अभी एक उंगली अलग हुआ ही था कि स्थानीय लोगों ने लाठी-डंडे से आरोपित को पीट महिला को बचाने का प्रयास किया। वहीं उसे इसी दौरान पकड़ लिया गया। बताया जाता है कि यदि पकड़ा न जाता तो कइयों की जान जा सकती थी।



युवक है मानसिक विक्षिप्त

शाहगंज। आरोपित मुमताज का इलाज मानसिक रोग विशेषज्ञ के पास वाराणसी में चल रहा था। सोमवार को परिजन उसे वाराणसी ले जा रहे थे। जाने के दौरान वह सबरदह बाजार के समीप गाड़ी से कूदकर भाग गया। तब से वह लापता था। मंगलवार सुबह छह बजे वह घर आया। अपनी मां से घर में दूध होने की बात पूछा मां के यह कहने की नहीं है। रसोई घर में रखा धारदार चापड़ निकाल अपनी 7 वर्षीय बेटी हुमैरा पर हमला कर दिया। 

बचाने दौड़ी पत्नी फिरदौस व मां व भयोहू को घायल कर दिया। बाहर निकल पडोसी मंजूर हसन पर हमला कर दिया। इसी दौरान सड़क से गुजर रही सुलेमा को अपनी चपेट में ले लिया। फिलहाल बेटी हुमैरा का मौके पर ही मौत हो गयी थी। वहीं सुलेमा का जौनपुर में मौत हो गयी। आरोपित पुलिस कब्जे में है। आरोपित के मुताबिक उसकी पत्नी का चरित्र ठीक नहीं था। जिसके चलते उसने ऐसा कदम उठाया। 

वहीं परिजनों के मुताबिक इसकी मानसिक हालत ठीक नहीं है। आरोपित के मानसिक हालत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि डेढ़ वर्ष पूर्व वह शाहपंजा मोहल्ला स्थित काली चैरा मंदिर में अचानक पहुंच पूजा करने लगा। पुजारी समेत स्थानीय लोगों ने किसी तरह उसे समझा बुझाकर मंदिर से बाहर निकाला था। आरोपी चार भाइयों में सबसे बड़ा हैं। क्रमशः सरताज, अफरोज, आमिर व पिता सऊदी में नौकरी करते हैं व सभी वहीं है। आरोपी भी सात वर्ष पूर्व तक सऊदी अरब में रह कमाता था लेकिन मानसिक स्थिति ठीक न होने से घर पर रह रहा है। मामला दो समुदाय से जुड़ा होने के चलते प्रशासनिक व पुलिस अमले में हड़कम्प मच गया।


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