किसानों के लिए खुशखबरी: खाड़ी देशों की पसंद बनी चंदौली की ब्लैक राइस, दोहा कतर के लिए रवाना हुआ 544 एमटी काला व अन्‍य चावल

सब्जी व फल के बाद चावल निर्यात से बहुरेंगे पूर्वांचल के किसानों के दिन:  एम अंगामुथु

- एपीडा के चेयरमैन की मौजूदगी में सांबा और काला चावल कतर दोहा के लिए किया रवाना

- जनपद से हार्टिकल्चर के साथ ही साथ विभिन्न प्रकार के फूल भी विदेशों में करेंगे एक्सपोर्ट

- भविष्य में पूरा परिक्षेत्र बनेगा एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट व फूड प्रोसेसिंग का बड़ा हब : कमिश्नर



सुरोजीत चैटर्जी

वाराणसी। बनारस सहित आसपास जिलों के कृषि उत्पाद विदेशों में निर्यात करने की मुहिम में बुधवार को एक नई कड़ी जुड़ गयी। यहां उत्पादित फल और सब्जी के बाद पहली बार कुल 544 एमटी काला चावल और अन्य क्षेत्रीय चावल दोहा कतर के लिया रवाना किया गया। भविष्य में फूलों को निर्यात करने की तैयारी शुरु हो चुकी है। केंद्र सरकार की मंशा के अनुरूप किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में विभिन्न स्तर पर किये जा रहे कार्यों के क्रम में यह महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

हरहुआ क्षेत्र में रिंग रोड चैराहा के सिंधोरा रोड अंडरपास पर दोहा कतर के लिए रवाना किये गये चावल से भरे ट्रकों को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय से संबद्ध एपीडा (एग्रीकल्चर एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्टस एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण) के चेयरमैन एम. अंगामुथु व कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने झंडी दिखायी। इस मौके पर श्री अंगामुथु ने कहा कि वाराणसी व आसपास के जिलों में किसानों की उपज एक्सपोर्ट करने की पहल लगातार हो रही है। इससे उत्तम किस्म की खेती संग किसानों की आय बढ़ेगी। बुधवार को रवाना किये गये चावल वाहनों के जरिए पहले गुजरात पहुंचाएंगे। वहां से पानी के जहाज से से कतर भेजा जाएगा।

उन्होंने कहा कि यहां के हार्टिकल्चर सहित फूल भी विदेशों में निर्यात होंगे। इस मौके पर मंडलायुक्त श्री अग्रवाल ने बताया कि एपीडा और हॉर्टिकल्चर के माध्यम से किसानों को निर्यात के अनुरूप मानक उपज के उद्देश्य से ट्रेनिंग दी जा रही है। ऐसी पहल से न सिर्फ हमारा निर्यात बढ़ रहा है बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में हमारी उपज का उचित व अधिक मूल्य मिल रहा है। उपज की गुणवत्ता के चलते यह लाभ मिलना संभव हो पा रहा है। बड़े-बड़े स्टोर में हमारी उपज ले जा रहे हैं। भविष्य में वाराणसी परिक्षेत्र कृषि निर्यात एवं फूड प्रोसेसिंग का बहुत बड़ा हब बन जाएगा। आगामी वर्षों में यहां की सब्जी-आम भारी मात्रा में विदेशों में निर्यात होगा। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र से कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एपीडा का यह बड़ा प्रयास है। उल्लेखनीय है कि गत दिनों एकदिनी दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खजुरी गांव में हुई जनसभा के दौरान यहां का ब्लैक राइस 850 रुपये किलो की दर से जल्द ही विदेशों में निर्यात करने की तैयारी के संकेत दिये थे।

एयरपोर्ट पर पैक हाउस जल्द

- केंद्र व प्रदेश सरकार के सहयोग से वाराणसी में जल्द ही उच्चस्तरीय पैक हाउस स्थापित होगा। फलस्वरूप पैकेजिंग समेत ग्रेडिंग और सेटिंग के लिए यहां के कृषि उपज या अन्य उत्पाद लखनऊ अथवा अन्य शहरों मे भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एक छोटा पैक हाउस बाबतपुर हवाईअड्डे पर बनाएंगे। यहीं पर छोटा स्टोर शुरु हो चुका है। किसानों को अंतरराष्ट्रीय मानक में उत्पादन करने समेत पैकजिंग आदि के तौर-तरीके सिखाए जा रहे हैं। कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बुधवार को यह जानकारी दी।

आॅफिस का उद्घाटन आज

वाराणसी। जिला मुख्यालय स्थित उद्यान विभाग परिसर में गुरुवार को एपीडा का नया कार्यालय शुरु होगा। इसका उद्घाटन एपीडा अध्यक्ष एम. अंगामुथु करेंगे। विभाग के क्षेत्रीय प्रभारी डॉ. सीबी सिंह ने यह जानकारी दी।



देश का मॉडल निर्यात केंद्र बनेगा बनारस

- एपीडा अध्यक्ष ने जैविक खेती को बढ़ावा देने और आॅर्गेनिक एफपीओ बनाने का दिया सुझाव

- इरी परिसर में कृषि उत्पाद की गुणवत्ता परीक्षण की बड़ी इकाई स्थापित करने पर किया मंथन

जनसंदेश न्यूज

वाराणसी। कृषि उत्पाद की गुणवत्ता परखने के लिए वाराणसी में ही प्रयोगशाला स्थापित करने पर मंथन आरंभ हुआ है। इसके लिए कलेक्ट्री फार्म स्थित अंतरराष्टकृीय चावल अनुसंधान संस्थान परिसर यानी इरी परिसर को लेकर विचार किया जा रहा है। दूसरी ओर, राजातालाब स्थित पेरिशेबल कार्गो सेंटर को अपग्रेड करेंगे। इधर, जैविक खेती को बढ़ावा देकर आॅर्गेनिक प्रोडक्टस के फार्मर प्रोड्यूसर आॅर्गनाइजेशन (किसान उत्पादक संगठन या एफपीओ) गठित करने के सुझाव दिये गये हैं। सेवापुरी से इसकी शुरुआत करेंगे। कृषि उत्पादों के प्रमोट कर निर्यात बढ़ाते हुए वाराणसी को पूरे देश के लिए मॉडल के रूप में विकसित करने का विचार है।

मंडलायुक्त अनुश्रवण कक्ष में में बुधवार को एपीडा के चेयरमैन एम. अंगामुथु की उपस्थिति में हुई बैठक के दौरान यह बातें कही गईं। उन्होंने कहा कि बनारस कृषि उत्पादों के निर्यात का हब बन रहा है। इसके लिए व्यापक स्तर पर इंफ्रास्ट्रक्चर और कैपेसिटी बिल्डिंग के कार्य हो रहे हैं। वाराणसी समेत मीरजापुर, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर व गोरखपुर तक के कृषि उत्पाद एक्प्सपोर्ट निर्यात का केंद्र बनारस बन रहा है।

मीटिंग में कमिश्नर दीपक अग्रवाल व डीएम कौशल राज शर्मा आदि ने श्री अंगामुथु के साथ विचार-विमर्श करने हुए इस क्षेत्र को देशभर में एक मॉडल के तौर पर विकसित करने पर बातचीत की। उन्होंने बताया कि राजातालाब पेरिशेबल कार्गो से फिलहाल करीब पांच हजार किसान सीधे लाभांवित हो रहे हैं। आईवीआरआई के वैज्ञानिकों ने मांग के अनुरूप गुणवत्ता के बीज मुहैया कराने पर सहमति दी। यहां की रेड भिंडी, मिर्च व बैगन आदि की प्रजाति प्रसिद्ध है। बैठक के बाद श्री अंगामुथु ने पेरिशेबल कार्गो और रामनगर पोर्ट का मुआयना भी किया।

कस्टम क्लियरेंस भी बनारस से

- कमिश्नरी अनुश्रवण कक्ष में बुधवार को एपीडा चेयरमैन संग हुई बैठक के दौरान बताया गया कि हवाई जहाज से यूरोपीय देशों और जलमार्ग से खाड़ी देशों में निर्यात के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर आदि इंतजाम करेंगे। इस पहल से वाराणसी और यूपी सीधे तौर पर एक्सपोर्टर होगा। स्थानीय लोगों को कृषि निर्यात के लिए प्रमोट करेंगे। अभी जिस एक एपीओ को निर्यात का लाइसेंस दिया है, उसे बढ़ावा देंगे। निर्यात होने वाली सामग्री का वाराणसी से ही कस्टम क्लीयरेंस का प्रयास होगा।


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