बारात से लौट रही अनियंत्रित कार खड़े ट्रक में भिड़ी पुरोहित की मौत, चार घायल



आर के शर्मा

घूरपुर/प्रयागराज। शादी सम्पन्न करा कर वापस लौट रहे दूल्हे के पिता, मामा व एक मासूम दुर्घटना में गम्भीर रूप से घायल हो गए। वहीं कार में आगे की सीट पर बैठे पुरोहित युवक की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने सभी घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा और पुरोहित के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। 

घूरपुर थाना क्षेत्र के पचखरा गांव निवासी गौरीशंकर तिवारी के बेटे दीपेंद्र तिवारी उर्फ दीपू की 11 दिसम्बर दिन शुक्रवार को शादी थी। बारात धूमनगंज के नीवा गांव गई थी। शनिवार की सुबह शादी सम्पन्न कराने के बाद दूल्हे के पिता गौरीशंकर तिवारी, दूल्हे का भतीजा मासूम रचित तिवारी (12) पुत्र रविन्द्र तिवारी व लालापुर निवासी पुरोहित उत्कर्ष त्रिपाठी (21) पुत्र विनोद त्रिपाठी दूल्हे के मामा पचखरा गांव निवासी विश्वम्भर नाथ द्विवेदी की वैगनआर कार पर सवार होकर घर के लिए निकले थे। 

कार अभी घूरपुर के इरादतगंज बाजार को पार की थी कि अचानक कार के सामने एक वृद्ध साइकिल सवार आ गया। जिसे टक्कर मारने के बाद कार बेकाबू हो गई और खड़े ट्रक में पीछे से टकरा गई। जिससे कार की अगली सीट पर बैठे पुरोहित उत्कर्ष त्रिपाठी सहित चालक विश्वम्भर नाथ समेत दूल्हे के पिता गौरीशंकर तिवारी व मासूम रचित बुरी तरह से कार में फंस गए। मौके पर पहुंची भीड़ व पुलिस ने मसक्कत कर सभी को बाहर निकाला और सभी को जसरा सीएचसी ले गए। जहां पुरोहित उत्कर्ष त्रिपाठी को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया और अन्य को गंभीर हालत देखते हुए शहर के लिए रेफर कर दिया। घायल साइकिल सवार घूरपुर थाना के जमोली गांव निवासी बाबादीन (67) का भी इलाज किया जा रहा है।

पुरोहित के घर सूचना पहुंचते ही मचा कोहराम 

लालापुर निवासी पुरोहित उत्कर्ष त्रिपाठी के घर जैसे ही घटना की सूचना पहुंची परिजनों में कोहराम मच गया। उत्कर्ष के पिता विनोद व माता व सभी भाइयों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। उत्कर्ष अपने चार भाइयों ब्रजेश त्रिपाठी, आशीष त्रिपाठी, देवेंद्र त्रिपाठी में सबसे छोटा था। जिसके चलते सभी भाई उसे बहुत ही प्यार किया करते थे। घटना की सूचना मिलते ही पिता विनोद त्रिपाठी का रोते रोते आंखे सूख सी गई थी।

हाइवे की पटरी पर खड़े भारी वाहन बन रहे दुर्घटना के कारण

रीवा हाइवे की पटारियो पर जगह जगह बेवजह घंटो खड़े वाहन दुर्घटनाओं का कारण बन रहे है। घूरपुर क्षेत्र में रोजना हो रहे हादसों के बावजूद प्रशासन पटरी पर खड़े वाहन को हटवाने की पहल नही कर रही है। जबकि बीते माह घूरपुर में पटरी पर खड़े भारी वाहन के कारण ही दो छात्राओं की मौत हो चुकी है। शनिवार के दिन हुए हादसे में पुरोहित की मौत का कारण भी पटरी पर खड़े वाहन ही फिर कारण बनी। इसी तरह बीते माह ही काटी हाइवे पर भी दो जानें जा चुकी है। बावजूद प्रशासन कोई पहल नही कर रही है। यदि इस पर अंकुश नही लगाया गया तो धुंध व कोहरे में इस तरह की हादसों में इजाफा होगा।


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