महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में अब बीबीए-एलएलबी व बीकाम-एलएलबी के भी कोर्स

विद्या परिषद की कल होने वाली बैठक में कई अहम बिंदुओं पर होगी चर्चा



जनसंदेश न्यूज

वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में अब बीकाम-एलएलबी व बीबीए-एलएलबी कोर्स शुरू होंगे। माना जा रहा है कि विश्विद्यालय से संबंद्ध कई कालेजों द्वारा बीकाम-एलएलबी व बीबीए-एलएलबी की मांग को देखते हुए विद्यापरिषद इन कालेजों को इस बैठक में ही कोर्स संचालन की अनुमति दे सकता हैं। आगामी 24 दिसंबर को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के विद्या परिषद की बैठक में इस बार कई अहम बिंदुओं पर चर्चा होनी हैं।

दो वर्ष पहले ही विद्यापीठ में बीए-एलएलबी कोर्स संचालित होना शुरू हुआ था। चूंकि तीन वर्षीय विधि कोर्स की तुलना में पंचवर्षीय विधि कोर्स में छात्रों का रूझान अधिक रहता है। जिसको देखते हुए विद्यापीठ बीकाम-एलएलबी व बीबीए-एलएलबी कोर्स शुरू करने की तैयारी में है। हालांकि यह तभी संभव है जब बार काउंसिल की मान्यता मिल सकें। इसके साथ ही स्नातक स्तर पर चार वर्षीय एकीकृत बीएड कोर्स (बीए-बीएड व बीएससी-बीए) शुरू करने की योजना है। विद्यापीठ के एजेंडे में शामिल दिव्यांग अध्ययन केन्द्र भी खोले जाने का निर्णय लिया गया है।

कुलसचिव डा. एसएल मौर्य ने बताया कि अब तक यह शारीरिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित होने वाले योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा व शिक्षा केंद्र अब स्वतंत्र रूप से संचालित करने की योजना है। नई शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन सहित कुल 17 बिंदु विद्या परिषद के एजेंडे में शामिल है। वहीं अध्यक्ष की अनुमति से कई और प्रकरण विद्या परिषद में आने की संभावना जताई जा रही है।


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