गाजीपुर : 94 वर्षीय बलवंत सिंह का निधन, पाकिस्तान जन्मे और भारत में ली अंतिम सांस

बंटवारे के बाद गाजीपुर में बनाया ठिकाना  



अजय सिंह उर्फ राजू

गाजीपुर। शहर के वयोवृद्ध प्रतिष्ठित कपड़ा व्यवसायी व समाजसेवी सरदार बलवंत सिंह (94) मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। यह अति प्राचीन रामलीला कमेटी हरिशंकरी के मनोनीत संरक्षक भी थे। कमेटी के लोगो ने उनके देहावसान पर शोक सभा का आयोजन कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

अति प्राचीन रामलीला कमेटी के मंत्री ओमप्रकाश तिवारी उर्फ बच्चा ने बताया कि सरदार बलवंत सिंह धर्म से जरूर सिक्ख थे, लेकिन समाज के हर वर्ग में उनकी गहरी पैठ थी। उनका जन्म 1927 में गुज्जरवाला, सियालकोट (वर्तमान में अब पाकिस्तान) में हुआ था और 1947 भारत पाकिस्तान के बंटवारे में वो गाजीपुर आकर हरिशंकरी मोहल्ले में बस गए।  

चरित्र से ईमानदार और कर्मठ व्यक्तित्व के मालिक सरदार बलवंत सिंह के 2 पुत्र और 2 पुत्रियों का भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। सामाजिक व सांस्कृतिक गतिविधियों में उनकी काफी रुचि थी। गाजीपुर की परंपरागत रामलीला में भी उनका काफी योगदान था और वें अति प्राचीन रामलीला कमेटी (हरिशंकरी) के मानिंद संरक्षक सदस्य थे। कमेटी के सदस्यों द्वारा हरिशंकरी स्थित कमेटी के कार्यालय पर उन्हें 2 मिनट का मौन रख कर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। 

इस अवसर पर संरक्षक सदस्य सरदार दर्शन सिंह, योगेश चन्द्र वर्मा, अभय अग्रवाल, प्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव, विनय कुमार सिंह,  लव त्रिवेदी, वीरेश राम वर्मा, अशोक अग्रवाल, विजय अग्रवाल, वरुण अग्रवाल, मनोज तिवारी, जावेद अहमद, असित सेठ, ओमनारायण सैनी, लक्ष्मी नारायण, श्रवण गुप्ता, शिवपूजन तिवारी, संदीप अग्रवाल, कमलेश सिंह लाला, मयंक तिवारी के साथ नगर के गणमान्य लोग मौजूद रहे। शोक सभा की अध्यक्षता अति प्राचीन रामलीला कमेटी (हरिशंकरी) गाजीपुर के अध्यक्ष  दीनानाथ गुप्त ने की।


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