चकिया में सपा, बहुजन मुक्ति मोर्चा और कम्युनिस्ट पार्टी के 90 कार्यकर्ता गिरफ्तार, आखिर क्यों आई गिरफ्तारी की नौबत?



वैभव मिश्रा

चकिया/चंदौली। नये कृषि कानून के विरोध में किसानों द्वारा बुलाये गये भारत बंद के समर्थन में प्रदर्शन करने निकले तीन राजनीतिक पार्टियों के कुल 90 नेताओं और कार्यकर्ताओं को चकिया कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। हालांकि लगभग तीन बजे के बाद सभी नेता और कार्यकर्ताओं को निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया। 



सरकार और किसानों के बीच पांच बैठकों के बाद भी बात ना बन पाने से नाराज किसानों ने आठ दिसंबर यानी आज भारत बंद का आवाह्न किया था। जिसे भाजपा को छोड़ अन्य लगभग सभी पार्टियों ने अपना समर्थन दिया। इसी कड़ी में मंगलवार को चकिया नगर में समाजवादी पार्टी सहित बहुजन मुक्ति मोर्चा व भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ता प्रदर्शन करने निकले। जिसपर एसडीएम व सीओ द्वारा पार्टी कार्यकर्ताओं से शांति पूर्वक आंदोलन की अपील की गई। इसके बाद भी कार्यकर्ताओं द्वारा नारेबाजी करने पर मजबूरन प्रशासन ने सपा के विधानसभा अध्यक्ष प्रभु नारायण यादव, पूर्व सयुस जिला महासचिव मुश्ताक अहमद खान, रामकृत एड. सहित बहुजन मुक्ति मोर्चा व कम्युनिस्ट पार्टी के कुल 90 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। 



वहीं दूसरी तरफ स्वराज अभियान के नेता अजय राय को उनके आवास पर ही नजरबंद कर दिया। जनसंदेश से बातचीत के दौरान सयुस के पूर्व जिला महासचिव मुश्ताक अहमद खान ने इसे अलोकतांत्रिक करार देते हुए योगी सरकार की दमनकारी नीति बताई और कहा कि यह सरकार चाहे जितने भी जुल्म कर ले, हमारी पार्टी माननीय अखिलेश यादव के नेतृत्व में देश के किसानों के साथ खड़ी है। 

इस मौके पर सपा के अभिषेक बहेलिया, समसेर यादव, कमलेश पति कुशवाहा, रामबरन निषाद, अरूण यादव, दशरथ सोनकर, मुख्तार अहमद, महेन्द्र सिंह, बचाऊ प्रजापति, प्रेम यादव, सजाऊद्दीन, राजनाथ तथा बहुजन मुक्ति मोर्चा व कम्युनिस्ट पार्टी के कुल 90 कार्यकर्ता गिरफ्तार हुए। 


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