यूपी बोर्ड का कारनामा, जिसे मिले थे 82 अंक, उसे दिखाया अनुपस्थित, बोर्ड सचिव पर 10 हजार का हर्जाना



अनूप मिश्रा

प्रयागराज। जिस छात्रा को 82 अंक प्राप्त हुए थे, उसे यूपी बोर्ड ने उस विषय में अनुपस्थित दिखाकर सामान्य अंक दे दिए। छात्रा ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई तो उसकी कॉपी कोर्ट में मंगाई गई। तब जाकर खुलासा हुआ कि छात्रा को उस विषय में 82 अंक प्राप्त हुए हैं। बोर्ड की इस लापरवाही और छात्रा को मानसिक रूप से परेशान करने पर हाईकोर्ट ने यूपी बोर्ड के सचिव पर दस हजार रुपये हर्जाना लगा दिया है। यह धनराशि छात्रा के पिता के बैंक एकाउंट में भेजी जाएगी। 

बांदा के सरस्वती मंदिर बालिका इंटर कॉलेज की छात्रा प्रियंका की याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने दिया है। प्रियंका ने 2020 में हाईस्कूल की परीक्षा दी। समाजशास्त्र विषय में उसे अनुपस्थित मान कर औसत 26 अंक दिए गए। जबकि अन्य विषयों में उसे काफी अच्छे अंक मिले हैं। उसने याचिका दाखिल कर कहा कि उसने परीक्षा दी है। उसकी कापी मंगाई जाए।

कोर्ट के निर्देश पर सरकारी अधिवक्ता ने याची की हाईस्कूल के समाजशास्त्र की कापी पेश की। कापी की जांच की गई तो उसे 52 अंक मिले। प्रायोगिक परीक्षा में 30 अंक मिले थे। कुल 100 में से 82 अंक मिले। कोर्ट ने याची को सरस्वती बालिका विद्या मंदिर इंटर कालेज, बांदा के प्रधानाचार्य के मार्फत नया अंकपत्र जारी करने का निर्देश दिया है और कहा है कि छात्रा को परेशानी व मानसिक पीड़ा हुई। जिसके लिए हर्जाना दस हजार रुपये हर्जाना दिया जाए। हर्जाना राशि एक माह में याची के पिता बृजेश कुमार सिंह के बैंक खाते में ड्राफ्ट के जरिये जमा करने का निर्देश दिया है।


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