72 हजार शिक्षकों के स्थानांतरण की तैयारी में जुटी योगी सरकार, इन स्कूलों के शिक्षकों का होगा स्थानांतरण



जनसंदेश न्यूज़

लखनऊ। योगी सरकार सूबे में 72 हजार से ज्यादा शिक्षकों के स्थानांतरण की तैयारी में जुट गई। सरकारी प्राइमरी स्कूलों के ऐसे शिक्षकों का स्थानांतरण होगा, जो सरप्लस हैं। सरप्लस मतलब ऐसे स्कूलों में तैनात है, जहां उनकी जरूरत नहीं है। 

शिक्षा का अधिकार कानून लागू हुए नौ साल से ऊपर हो गया लेकिन अब भी मानकों के मुताबिक शिक्षकों की तैनाती स्कूलवार नहीं हो पाई है। अब बेसिक शिक्षा विभाग इन सरप्लस शिक्षकों को पहले अंतरजनपदीय तबादले और इसके बाद जिलों में तबादलों व समायोजन के जरिए मानकों के मुताबिक तैनाती करने की मशक्कत कर रहा है।



केंद्र सरकार ने यूपी के सरकारी स्कूलों में तैनात 72,353 शिक्षकों को सरप्लस बताते हुए कहा है कि इनकी तैनाती नियमों के मुताबिक की जाए। आरटीई के मानकों के मुताबिक कक्षा एक से 5 तक 30 बच्चों पर एक शिक्षक का नियम है। वहीं जूनियर स्कूलों में 35 बच्चों पर एक शिक्षक का नियम बनाया गया है, लेकिन प्रदेश में कई स्कूल ऐसे हैं, जहां शिक्षक तो 6-7 तैनात हैं लेकिन बच्चे 100 से ज्यादा नहीं है। ज्यादातर शहरी स्कूलों और शहर से सटे ग्रामीण स्कूलों में शिक्षकों की संख्या ज्यादा है। जब प्रदेश में आरटीई लागू हुआ तो स्कूलों में नामांकन का खेल चलने लगा। 

एक ही बच्चा आसपास के सभी स्कूलों में पंजीकृत किया जाने लगा। इससे निपटने के लिए सरकार ने नामांकित बच्चों की जगह मिड डे मील खाने वाले बच्चों की संख्या के मुताबिक तैनाती का नियम बनाया लेकिन अनुपात सही करने में विभाग असफल रहा है। इससे पहले भी सरप्लस शिक्षकों का मुद्दा उठता रहा है लेकिन विभाग लाख कोशिशों के बाद भी इसे सही नहीं कर पा रहा है क्योंकि भर्तियों के समय बागपत का अभ्यर्थी भी श्रावस्ती में नियुक्ति ले लेता है लेकिन तीन साल बाद जोर-जुगाड़ के सहारे वह अपने जिले में तबादला लेकर पहुंच जाता है। इसके चलते हमेशा असंतुलन की स्थिति बनी रहती है। 


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