इंस्पेक्टर के बेटे को घर में घुसकर मारी गोली, मचा हड़कंप, पूर्वांचल के इस जिले में कोरोना सेल प्रभारी है इंस्पेक्टर
आलमारी से नकदी, जेवरात गायब, पुलिस जांच पड़ताल में जुटी
सुनील गिरि
नैनी/प्रयागराज। कोतवाली क्षेत्र के चक रघुनाथ मोहल्ले में मंगलवार को सरे शाम हमलावरों ने एक इंस्पेक्टर के बेटे को घर में घुसकर गोली मार दी। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। इलाज के लिए उसे एसआरएन में दाखिल कराया गया है। जहां उसकी हालत गंभीर बताया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक सभाजीत सिंह आजमगढ़ जिले में इंस्पेक्टर पद पर तैनात हैं और इन दिनों वह कोरोना सेल प्रभारी हैं। नैनी कोतवाली क्षेत्र के चक रघुनाथ मोहल्ले में उनकी पत्नी सुभद्रा देवी व इकलौते पुत्र अमरेंद्र सिंह (16) और पुत्री शैलजा यहीं पर रहती हैं। अमरेंद्र सिंह जीआईसी इंटर कॉलेज में कक्षा 11 में पढ़ाई करते हैं। मंगलवार लगभग 6.45 बजे घर पर सभाजीत की पत्नी सुभद्रा देवी छत पर गमलों में पानी देने के लिए गई हुई थी और बेटी घरेलू कार्य में व्यस्त थी। जबकि उनका इकलौता पुत्र अमरेंद्र सिंह मकान के आखरी कमरे में मौजूद थे। बताया जाता है कि तभी मौका पाकर दो हमलावर मेनगेट के समीप से बाउंड्रीवॉल फांद कर अंदर दाखिल हो गए और जिस कमरे में अमरेंद्र सिंह मौजूद थे, वहीं पर वह पहुंच गए।
अचानक ताबड़तोड़ गोलियों की आवाज सुनकर जब परिजन उत्त कमरे में पहुंचे तो वह घायल अवस्था में लहूलुहान होकर फर्श पर पढ़ा हुआ था। परिजनों के मुताबिक चार से पांच राउंड फायर की गई थी और अमरेंद्र के पेट में एक गोली लगी हुई है, जो पिस्टल से मारी गई है। गोली मारने से पूर्व हमलावरों व घायल अमरेन्द्र के बीच जमकर संघर्ष भी हुआ था।
सूचना मिलने पर सीओ करछना सोमेंद्र मीणा व नैनी इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह दलबल के साथ घटित वारदात स्थल पर पहुंचे और आनन-फानन में उसे इलाज के लिए एसआरएन में दाखिल कराया। जहां उसकी हालत गंभीर बताया जाता है।परिजनों के मुताबिक हमलावरों ने घर में मौजूद आलमारी से सोने चांदी से निर्मित जेवरात व नकदी भी अपने साथ ले गए हैं।
परिजन किसी से भी रंजिश होने की बात से साफ इनकार किए हैं। वहीं जांच पड़ताल के दौरान पुलिस को तीन से चार खाली खोखे को बरामद किए हैं। वहीं घटित वारदात की जानकारी मिलने पर एसपी क्राइम आशुतोष मिश्रा सहित अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और संबंधित मातहतों से घटना की जानकारी ली। समाचार लिखें जाने तक पीड़ित परिजन पुलिस को तहरीर नहीं दे पाए थे।