भारत हैंड सैनेटाइजर बोतल डिस्पेंसर निर्यात करने की स्थिति में: सरकार




नई ‎दिल्ली। सरकार ने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम (एमएसएमई) मंत्रालय के तहत प्रौद्योगिकी केंद्र और ट्रल रूम की मदद से भारत हैंड सैनेटाइजर बोतल डिस्पेंसर का निर्यात करने की स्थिति में पहुंच गया है। एमएसएमई मंत्रालय ने कहा ‎कि इन पहल तथा हस्तक्षेप की वजह से भारत आज न केवल पर्याप्त मात्रा में हैंड सैनेटाइजर बोतल डिस्पेंसर (पंप/फ्लिप) का विनिर्माण कर रहा है, बल्कि अब हम इनका निर्यात करने की भी तैयारी कर रहे हैं। इससे भारत को हैंड सैनेटाइजर सामग्री में आत्मनिर्भरता हासिल करने में मदद मिली है। साथ ही इससे अन्य सहायक सामान मसलन मास्क, फेस-शील्ड, पीपीई किट, सैनेटाइजर बॉक्स तथा परीक्षण सुविधाओं में भी सुधार हुआ है। कोविड-19 महामारी की वजह से हैंड सैनेटाइजर और इसकी बोतलों की मांग में जबर्दस्त इजाफा हुआ है। इसी के चलते बोतल डिस्पेंसर या पंप की मांग गई गुना बढ़कर 50 लाख इकाई प्रतिदिन पर पहुंच गई है। 

हालांकि कोविड-19 महामारी से पहले देश में बोतल डिस्पेंसर, पंप की विनिर्माण क्षमता पांच लाख इकाई प्रतिदिन थी। इस मांग को पूरा करने के लिए शुरुआत में बड़ी संख्या में डिस्पेंसर का चीन से आयात किया गया। इससे इनकी कीमत भी बढ़कर प्रति डिस्पेंसर 30 रुपए तक पहुंच गई। एमएसएमई मंत्रालय ने कहा कि इस समस्या को देखते हुए मई की शुरुआत से एमएसएमई मंत्रालय के सचिव ने अंशधारकों से कई बैठकें की। निजी क्षेत्र को इनका उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रेरित किया गया। मंत्रालय ने कहा कि इन प्रयासों से आज हम इनका निर्यात करने की स्थिति में पहुंच गए हैं। अभी तक स्प्रे पंप के साथ सैनेटाइजर के निर्यात पर रोक थी, जिसे हटा लिया गया है।


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