जब बनारस के थानों में बच्चियां बनीं ‘मैडम सर’, सुनी फरियादियों की समस्याएं
विश्व बाल दिवस पर महिला कल्याण विभाग की ओर से बालिकाओं को दिया थानों का एक दिन का चार्ज
आवासीय एवं शिक्षण संस्थाओं की बच्चियों का आत्मविश्वास बढ़ाने को हुआ यह आयोजन : निरुपमा सिंह
मिशन शक्ति योजना से जोड़ते हुए बालिकाओं को थानों की विभिन्न कार्यप्रणाली की भी दी गयी जानकारी
सुरोजीत चैटर्जी
वाराणसी। विश्व बाल दिवस के अवसर महिला कल्याण विभाग की ओर से शुक्रवार जनपद में किशोर न्याय अधिनियम के तहत पंजीकृत सरकारी और स्वयंसेवी संगठनों ओर से संचालित संस्थाओं की बालिकाओं समेत विभिन्न शिक्षण संस्थाओं का लड़कियों को थानों का एक दिन प्रभार सौंपा गया। मिशन शक्ति की थीम भी इसमें शामिल रही। बाल अधिकारों को सुनिश्चित करने और जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति थानों पर यह आयोजन था। इन बच्चों को सबंधित संस्थाओं के अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी दी गयी।
इस अवसर पर थानों का एक दिन का चार्ज संभाले बालिक-बालिकाओं को ‘थानाध्यक्ष’ बनने का मौका मिला। थाना प्रभारी के तौर पर उन्होंने रूप में उन्होंने पुलिस की कार्य प्रणाली, दस्तावेजों का रखरखाव, वायरलेस सेटअप, थाने का भ्रमण, रपट लिखने की प्रक्रिया की जानकारी ली। साथ ही महिला एवं बाल सहायता हेल्प डेस्क पर विभिन्न मामलों में सुनवाई का तरीका और थाने की पुलिस टीम से सहयोग लेने का ढंग भी सीखा। बच्चों में सुनवाई भी की।
आयोजन के तहत जिन बच्चों को थाना प्रभारी का दायित्व सौंपा गया था उनमें कैंट थाने पर वैभवप्रिया के साथ मिताली सेठ, नीलू सेठ, कोमल कुमारी तथा राधिका रहीं। भेलुपुर थाने में बसंत कन्या इंटर कालेज कमच्छा की मुस्कान सोनकर, जैतपुरा थाने में राजकीय पश्चातवर्ती देखरेख संगठन की श्वेता, चेतगंज में रानी रामकुमारी वनिता विश्राम की अनामिका, शांति निकेतन बालिका गृह नगवा की स्वधा, अन्विता बालिका गृह की संगीता को लंका थाना, पिंडरा क्षेत्र के सिंधोरा थाने पर पल्लवी व बड़ागांव थाने पर प्रीति पटेल को ‘थानाध्यक्ष’ बनाया गया था।
इसी प्रकार डेयर बालिका गृह की सविता, होप होम संस्था की ग्रेसी कुशवाहा तथा एसओएस बाल ग्राम की जाह्नवी को भी एक दिन के लिए यह जिम्मेदारी मिली। बाल संरक्षण अधिकारी निरुपमा सिंह ने बताया कि आवासीय संस्थाओं के बच्चों की पहचान और उनका आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए विश्व बाल दिवस पर यह पहल हुई।