बालिग लड़का-लड़की रह सकते है एक-दूसरे के साथ, पर धर्म परिवर्तन अनिवार्य नहीं-हाईकोर्ट



अनूप मिश्रा

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि विशेष विवाह अधिनियम के तहत दो अलग-अलग धर्मों को मानने वाले लोग बिना धर्म परिवर्तन के भी शादी कर सकते हैं। यह कानून सभी धर्मों पर लागू है। कोर्ट ने कहा कि बालिग लड़का, लड़की अपनी पसंद के किसी भी व्यक्ति के साथ रह सकते हैं। उनके जीवन में हस्तक्षेप करने का किसी को अधिकार नहीं है।

हालांकि संविधान प्रत्येक व्यक्ति को अपनी पसंद का धर्म अपनाने का अधिकार देता है। इसके बावजूद लोग शादी करने के लिए धर्म परिवर्तन कर रहे हैं, जो सही नहीं है। कोर्ट ने विपरीत धर्मों के याचियों को अपनी मर्जी से कहीं भी किसी के साथ रहने के लिए स्वतंत्र कर दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने सहारनपुर की पूजा उर्फ जोया व शावेज की याचिका पर दिया है। पूजा ने घर से भाग कर शावेज से शादी कर ली। जब परिवार को पता चला तो उसे पकड़ लाए और घर में नजरबंद कर दिया। जिसपर हाइकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की गई।

कोर्ट ने 18 साल की लड़की याची को पेश करने का निर्देश दिया। पिता ने उसे पेश नहीं किया तो कोर्ट ने एसपी सहारनपुर को लड़की को पेश करने का निर्देश दिया। कोरोना जांच  के बाद पेश हुई लड़की ने कहा वह अपने पति के साथ रहना चाहती है। कोर्ट ने उसे अपनी मर्जी से जाने के लिए स्वतंत्र कर दिया है।





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