सिल्वर जुबली मनाएगा बनारस पुस्तक मेला

23 से 29 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा 25वां पुस्तक मेला, कुलपति प्रो.निर्मला मौर्य करेंगी उद्घाटन

वरिष्ठ पत्रकार विजय विनीत की चर्चित पुस्तक बनारस लाकडाउन का होगा लोकार्पण

साहित्य जगत की जानी-मानी हस्तियों और पुस्तक प्रेमियों का होगा जमावड़ा

पुस्तक मेले में कोविड नियमों का पालन अनिवार्य, बिन मास्क के प्रवेश वर्जित  



जनसंदेश न्‍यूज
वाराणसी। बनारस पुस्तक मेला इस साल अपनी सिल्वर जुबली मनाएगा। बाबा विश्वनाथ की नगरी में लगातार आयोजित होने वाला 25वां पुस्तक मेला इस साल 23 से 29 नवंबर तक चंदुआ छित्तूपुर (सिगरा स्टेडियम के पीछे) आयोजित किया जाएगा। उद्घाटन पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति एवं साहित्यकार प्रो.निर्मला मौर्य करेंगी। उद्घाटन समारोह में वाराणसी के वरिष्ठ पत्रकार विजय विनीत की चर्चित पुस्तक बनारस लाकडाउन का लोकार्पण भी किया जाएगा। बनारस पुस्तक मेले का आयोजन हर साल मोतीलाल मानव उत्थान समिति करती है।

पुस्तक मेले के आयोजक मिथिलेश कुमार कुशवाहा के मुताबिक लगातार एक हफ्ते तक चलने वाले इस पुस्तक मेले में कोविड नियमों का पालन किया जाएगा। बगैर मास्क के इस मेले में प्रवेश वर्जित किया गया है। पुस्तक मेले का उद्घाटन कुलपति एवं साहित्यकार डा.निर्मला मौर्य और अध्यक्षता बीएचयू के वरिष्ठ प्रोफेसर व साहित्यकार सदानंद शाही करेंगे। इस मौके पर वरिष्ठ साहित्यकार डा.राम सुधार सिंह, डा.महेंद्र प्रताप सिंह, डा.आरिफ समेत तमाम मूर्धन्य लेखक व पत्रकार अतिथि के रूप में शामिल होंगे। सर्वविद्या की राजधानी में 25 सालों से आयोजित होने वाला यह पुस्तक मेला काफी अहमियत रखता है। बच्चों, विद्यार्थियों से संबंधित पुस्तकों के अलावा साहित्य, उपन्यास आदि इस पुस्तक मेले का आकर्षण रहेंगे।



श्री कुशवाहा ने बताया कि 23 नवंबर को अपराह्न 3.30 बजे मेले का उद्घाटन होगा। इस दिन समारोह का मुख्य आकर्षण वरिष्ठ पत्रकार विजय विनीत की चर्चित पुस्तक बनारस लाकडाउन का लोकार्पण होगा। कोरोनाकाल में लिखी गई देश की इस पहली पुस्तक पर प्रबुद्धजन विस्तार से चर्चा भी करेंगे। कोरोना दंश से मौत के मुंह में जाकर वापस लौटने वाले पत्रकार की मर्मस्पर्शी कहानी बनारस लाकडाउन, कोविडकाल का दस्तावेज है, जो वैश्विक महामारी से बाहर निकलने का रास्ता भी बताती है।    

बनारस पुस्तक मेले के प्रबंधक ने बताया कि 24 नवंबर को शाम पांच बजे एक राष्ट्र-एक शिक्षा नीति पर परिचर्चा आयोजित की जाएगी। अगले दिन 25 नवंबर को शाम पांच  बजे प्रेमचंद की कहानी मंत्र पर चर्चा होगी। साथ ही एक प्रखर महिला को बूढ़ी काकी सम्मान से नवाजा जाएगा। 26 नवंबर को शाम पांच बजे सामाजिक न्याय व्यवस्था पर गोष्ठी होगी। 27 नवंबर को शाम पांच बजे कोविड काल में जोड़ों के दर्द आदि विषयों पर गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। 28 नवंबर को शाम पांच बजे पुस्तक चर्चा एवं काव्य तरंग का आयोजन किया जाएगा। साथ ही आधुनिक खेती की संभावनाओं पर गोष्ठी आयोजित की जाएगी। मेले का समापन 29 नवंबर को 3.30 बजे अपराह्न बजे पुस्तक मेले का समापन होगा।

श्री कुशवाहा ने बताया कि इस बार पुस्तक मेले की थीम वैश्विक महामारी कोरोना का उन्मूलन होगा। कोरोना ने जन-जीवन पर कितना असर डाला है? इससे बचाव के लिए किस तरह के प्रयास की जरूरत है? बीमारी से बचाव के सम-सामयिक पहलुओं पर चर्चा की जाएगी। पुस्तक मेले में हिन्दी, अंग्रेजी के अलावा अन्य भाषाओं की पुस्तकें पाठकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहेंगी। बनारस शहर के कई जानी-मानी हस्तियां कार्यक्रम में शिरकत करेंगी। कुशवाहा ने काशीवासियों से विनम्र आग्रह किया है कि वो पुस्तकों के प्रति पाठकों की रुचि के विकास में अपना रचनात्मक एवं सक्रिय योगदान दें। पुस्तक मेला जनता के लिए हर रोज दोपहर बारह बजे से रात्रि आठ बजे तक खुला रहेगा।

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