घर लौट रहे प्रधानपति की गोली मारकर हत्या, पुलिस की नाकामी पर लोगों ने उठाये सवाल



संजीत सिंह

मरदह/गाजीपुर। लहुरापुर के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि संतोष कुमार की हत्या के 24 घंटे बाद भी हत्यारे पुलिस पकड़ से दूर है। वहीं शुक्रवार को शव का पोस्टमार्टम के बाद दाह संस्कार श्मशान घाट पर किया गया। एक महीने में थाना क्षेत्र में ताबड़तोड़ दो हत्याओं ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। बोगना गोलीकांड के बाद लहुरापुर में प्रधानपति की हत्या पुलिस की नाकामी को दर्शाता है। लोगों में चर्चा है कि मरदह थाना में कमजोर पुलिस तंत्र के कारण ही हत्याएं हो रही है।

घटना गुरुवार की शाम पांच बजे की है। जब लहुरापुर के ग्राम प्रधानपति संतोष कुमार (45) अपने दरवाजे पर दोपहिया वाहन से पहुंचे ही थे। बाइक सवार दो बेखौफ बदमाशों ने प्रधानपति पर अंधाधुंध फायर झोंक कर हत्या कर दी और बदमाश मरदह की तरफ भाग निकले। घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने मरदह-जलालाबाद मार्ग को पनसेरवा चट्टी पर शव रखकर जाम कर दिया। 

सूचना पर एसपी डा. ओमप्रकाश सिंह, ग्रामीण अनिल कुमार झा, सीओ कासिमाबाद महिपाल पाठक सहित कासिमाबाद, बिरनो, दुल्लहपुर, नोनहरा आदि थानों की फोर्स पहुंच गयी। हत्या के पीछे पुरानी रंजिश और गांव की राजनीति को बताया जा रहा है। इस मामले में पुलिस ने तीन टीम गठित किया है। सीओ कासिमाबाद के नेतृत्व में सीसीटीवी फूटेज खंगाला जा रहा। एसओजी व सर्विलांस टीम में जांच में जुटी हुई है। 

ग्राम प्रधान मंगीता देवी के तहरीर पर दो अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर तलाश जारी कर दिया है। सीओ कासिमाबाद महिपाल पाठक ने बताया कि हत्या के कारणों का अभी पता नही चला है। जल्द ही मामले का खुलासा कर दिया जाएगा।


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