बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और भावनाओं पर आपदाओं के प्रभाव की दी जानकारी



विजय सिंह

वाराणसी। बाल केन्द्रित आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर तीन दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुक्रवार को समापन हुआ। इसे शिक्षा विभाग, राजीव गांधी विश्वविद्यालय ने संयुक्त रूप से राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, नई दिल्ली के सहयोग से 17-19 नूवम्बर, 2020 में आयोजित किया गया था। इस मान्य कार्यक्रम में मुख्य अतिथि, प्रो. अमिताव मित्रा, प्रो-वाइस चांसलर, आरजीयू, अरुणाचल प्रदेश ने विभिन्न प्रकार की आपदा से होने वाले नुकसान पर प्रकाश डाला और बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य और भावनाओं पर इस तरह की आपदाओं के प्रभाव को भी बताया। 

कार्यक्रम के अतिथि डॉ.एनटी रिकाम, रजिस्ट्रार, राजीव गांधी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने अपने संबोधन में आपदा के समय बच्चे की भेद्यता पर ध्यान आकर्षित किया और साथ ही आपदा का सामना करने के लिए तैयारियों की आवश्यकता भी जताई जो प्रकृति में अप्रत्याशित है। प्रो.संतोष कुमार, हेड, सीसीडीआरआर, एनआईडीएम, ने विभिन्न चुनौतियों के कारण लोगों को आज के जीवन में आने वाली चुनौतियों के बारे में अपने वीरतापूर्ण भाषण में संबोधित किया और उन चुनौतियों को प्रभावी ढंग से कम करने के लिए लोगों की क्षमता को याद दिलाया। 

वेलेडक्टरी प्रोग्राम की शुरूआत में, राजीव गांधी विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ.प्रशांत कुमार बारिक ने सीसीडीआईआर पर तीन दिनों के ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में एक संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन और स्वागत डॉ.तायूम सरोह ने तथा डॉ.बालू. सीसीडीआईआर से, एनआईडीएम ने कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद प्रस्ताव रखा। 




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