आम आदमी को बड़ी राहत देने के मूड में केन्द्र सरकार, सस्ती दालें बेचने के लिए जल्द उठाने जा रही कदम



जनसंदेश न्यूज़

नई दिल्ली। आम आदमी के रोजमर्रा की जिंदगी में प्रयोग होने वाली चीजों में दाल भी एक अहम खाद्य पदार्थ है। लेकिन दाल की लगातार बढ़ती कीमतों ने कोरोना संकट के बीच आम आदमी की रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। महंगाई बढ़ने के कारण सब्जियां, दालें, खाद्य तेल के साथ ही जरूरी सामानों की कीमतों में भी तेजी से बढ़ोत्तरी देखी गई। 

दूसरी तरफ दालों और सब्जियों की कीमतों में कमी लाने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दालों की कीमतों में कमी लाने के लिए सरकार ओपन मार्केट सेल स्कीम के जरिए बेचे जाने वाली दालों पर डिस्काउंट दे सकती है। आपको बता दें कि प्राइज मॉनिटरिंग कमेटी ने प्रति किलो 10 से 15 रुपये की छूट देने की सिफारिश की है।

बता दें कि अभी सरकार राज्यों, पैरामिलिट्री फोर्सेस एवं आंगनवाड़ी जैसी जगहों पर भेजे जाने वाली दाल पर छूट देती है। वहीं थोक बाजार में अरहल दाल की कीमत 115 रुपये किलो के पार पहुंच चुकी हैं। दिल्ली समेत कई बड़े शहरों में दालों की कीमतों में 15 से 20 रुपये तक बढ़ोतरी हुई है। पिछले महीने से अरहर की दाल में 20 फीसदी का उछाल आया है। अरहर के अलावा मूंग और उड़द दाल भी 10 फीसदी तक महंगी हो चुकी है। 

नेफेड ओपन मार्केट स्कीम सेल के जरिए दालों की नीलामी करता है। इस स्कीम के तहत बेचे जाने वाली दाल पर छूट मिल सकती है। देश में दालों की कमी की समस्या के समाधान तथा इनके मूल्य पर नियंत्रण के लिए सरकार ने दालों का बफर स्टॉक 20 लाख टन करने का निर्णय लिया है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा दालों का बफर स्टॉक 20 लाख टन करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। बफर स्टॉक के लिए 10 लाख टन दालों की घरेलू बाजार से खरीद की जाएगी, जबकि 10 लाख टन का आयात किया जाएगा।

बफर स्टॉक के लिए दालों की खास किस्मों और इसकी मात्रा का निर्णय घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी उपलब्धता तथा मूल्यों के आधार पर किया जाएगा और यदि इसमें कोई बदलाव होता है तो इसकी मंजूरी ली जाएगी। इसके लिए विभाग कोष उपलब्ध कराएगा। भारतीय खाद्य निगम, नेफेड व अन्य एजेंसियां दालों की खरीद बाजार भाव पर करेगी और बाजार भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम होगा तो न्यूनतम समर्थन मूल्य पर इसकी खरीद की जाएगी।




 

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