क्या कोई बाहरी व्यक्ति शिक्षकों की पीड़ा को महसूस कर सकता है : रामबाबू शास्त्री



बिजनौर जब पीड़ा को समझा या महसूस ही नहीं किया जाएगा तो समाधान कराने के लिए कितने प्रयास किए जाएंगे, यह खुद ही सोचा जा सकता है। यह बात उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के अधिकृत प्रत्याशी रामबाबू शास्त्री ने जनसंपर्क के दौरान कही। जनपद के शिक्षकों के बीच पहुंचे रामबाबू शास्त्री ने कहा कि वह खुद एक शिक्षक रह चुके हैं । इसलिए  अच्छे  से जानते हैं कि शिक्षकों के सामने क्या-क्या समस्याएं आती हैं और उनका समाधान कराने के लिए कौनसा रास्ता अपनाया जा सकता है। उन्होंने अपने शिक्षक कार्यकाल तथा सेवानिवृति के बाद भी लगातार शिक्षकों के लिए आवाज उठाई है, यही वजह है कि शिक्षक गण एक नहीं दो बार उन्हें शिक्षक एमएलसी चुनाव जीताकर  समस्याओं के समाधान के लिए एक बड़ी ताकत दे चुके हैं। श्री शास्त्री ने कहा कि वर्तमान में एक नहीं कई ऐसे प्रत्याशी शिक्षक एमएलसी बनने के लिए चुनावी मैदान में है जिनका शिक्षण कार्य से आज तक कोई वास्ता नहीं रहा। ऐसे प्रत्याशियों को यह तक नहीं पता किशिक्षकों को क्या अधिकार मिल रहे हैं और किन अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है। शिक्षण कार्य से लेकर वेतन व पेंशन तक एक शिक्षक को क्या क्या परेशानी होती है इसके बारे में ऐसे प्रत्याशी बिल्कुल नहीं जानते। श्री शास्त्री ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि शिक्षक एमएलसी चुनाव में कई ऐसे प्रत्याशी भी खड़े हैं जिनका प्रयास खुद चुनाव जीतना नहीं बल्कि दूसरों को चुनाव हराना है। अगर सीधी भाषा में कहा जाए तो जीत की रेस में शामिल प्रत्याशियों के वोट काटने के लिए इन प्रत्याशियों को खड़ा किया गया है। इन वोट कटवा प्रत्याशी को इस कार्य के लिए रुपए तक दिए जाने की चर्चाएं सामने आ रही हैं और ये रुपए इन्हें मजबूत प्रत्याशियों की ओर से दिए जा रहे हैं। श्री शास्त्री ने कहा कि जो प्रत्याशी चुनाव में पानी की तरह पैसा बहा रहे हैं, अगर ये जीत गए तो इनकी प्राथमिकता शिक्षकों की समस्याओं का समाधान कराना नहीं होगा बल्कि चुनाव में किए गए खर्च को सूद समेत वसूलना होगा। श्री शास्त्री ने राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इन प्रत्याशियों को अपने साथ जनसंपर्क में ले जाने के लिए शिक्षक तक नहीं मिल रहे हैं। अपने चुनाव प्रचार के लिए शिक्षकों के अभाव में इन्हें राजनीतिक दलों के नेताओं का साथ लेना पड़  रहा है। जो शिक्षक हमारे समाज की दशा और दिशा तय करता है, वह यह भी अच्छे से समझते हैं कि शिक्षक एमएलसी चुनाव में मतदान उन्हें करना है न कि राजनीतिक दलों के नेताओं को। राजनीतिक दलों के नेता भले ही प्रत्याशियों के लिए घूम रहे हो लेकिन उनके पास इस चुनाव में मतदान करने का अधिकार नहीं है। इसलिए राजनीतिक दल चाहे सत्तापक्ष को अथवा विपक्ष का, ये सब चुनाव में भी फेल है और चुनाव के बाद भी क्योंकि शिक्षक एमएलसी चुनने का अधिकार केवल शिक्षकों के पास है और शिक्षक जानते हैं कि उनकी समस्याओं का समाधान कराने के लिए राजनीतिक दलों के शिक्षक एमएलसी ही आवाज कभी नहीं उठा सकते हैं। राजनीतिक दलों के प्रत्याशी कहीं ना कहीं अपनी पार्टी से बंधे हुए हैं। इस कारण राजनीतिक दल वालों पर सरकार के खिलाफ आवाज उठाने का भरोसा नहीं किया जा सकता क्योंकि जो सत्ता में है वो सरकार का समर्थन करेगा ही, लेकिन अन्य राजनीतिक दल भी कहीं ना कहीं एक दूसरे से मिले हुए हैं जो मौका पड़ते ही गठबंधन कर लेते हैं। ऐसे में किसी भी राजनीतिक दल के प्रत्याशी पर इस बात को लेकर भरोसा नहीं कर सकते कि वे चुनाव जीतने के बाद सरकार के पक्ष में नहीं जाएंगे और इतिहास गवाह रहा है कि चाहे शिक्षकों की समस्याएं रही हो अथवा किसी अन्य विभाग की, इनकी मांगे व समाधान तब ही हुआ है जब विरोध में आवाज उठाई गई हो। मांगे पूरी कराने के लिए सरकार के खिलाफ बिगुल फूकना पड़ता हैं, धरने प्रदर्शन करने पड़ते हैं, भूख हड़ताल करनी पड़ती है और कई बार जेल जाना पड़ता है। ऐसे में  शिक्षकों की समस्याओं का समाधान केवल वही शिक्षक एमएलसी करा सकता है जो किसी भी तरह से राजनीतिक पार्टियों की कठपुतली न हो। रामबाबू शास्त्री ने शिक्षकों के हित में किए गए संघर्षों का हवाला देकर कहा कि उन्होंने अनगिनत बार धरने-प्रदर्शन और भूख हड़ताल की। उउनकी आवाज दबाने के लिए उन्हें जेल तक में डाल दिया गया लेकिन उन्होंने शिक्षक हित में जरा भी समझौता नहीं किया और निरंतर शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए आवाज उठाते आ रहे हैं। श्री शास्त्री ने शिक्षकों से आगामी 1 दिसंबर को अपने नाम के आगे एक लिखकर फिर से शिक्षक  एमएलसी बनाने की मांग की। उन्होंने अपने साथियों के साथ डीएवी इंटर कॉलेज बिजनौर, राजकीय इंटर कॉलेज बिजनौर, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज बिजनौर, राजा ज्वाला प्रसाद आर्य इंटर कॉलेज बिजनौर, आरबीडी गल्र्स डिग्री कॉलेज बिजनौर, पॉलिटेक्निक कालेज बिजनौर, डीडीपीएस स्कूल बिजनौर, माउंट लिट्रा जी पब्लिक स्कूल बिजनौर,  मदर डिवाइन पब्लिक स्कूल बिजनौर, मॉडर्न एरा पब्लिक स्कूल बिजनौर, एमडी इंटरनेशनल स्कूल बिजनौर, बीएसडी पब्लिक स्कूल बिजनौर, बिजनौर पब्लिक स्कूल बिजनौर, वर्धमान डिग्री कॉलेज बिजनौर, राजकीय आईटीआई बिजनौर, कृष्णा कॉलेज बिजनौर, एएन इंटरनेशनल स्कूल बिजनौर,  आरबीआईटी इंजीनियरिंग कॉलेज बिजनौर आदि में जनसंपर्क किया। इस दौरान उनके साथ  मंडल मंत्री सुधीर अग्रवाल, जिला अध्यक्ष सोमदेव सिंह, ओपी वर्मा, पंकज कुमार, हरदयाल सिंह, लवलेश शर्मा, राजेंद्र सिंह, अमित वर्मा, मलखान सिंह, हरज्ञान सिंह, अखिलेश कुमार व महेश कुमार  आदि शामिल रहे।

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