छत्तीसगढ़ के जंगली हाथियों का उत्पात, घर में सो रही मासूम को कुचला, दर्जनों मकान किया ध्वस्त, फसलें रौंदी

ग्रामीणों ने वन विभाग पर लगाया लापरवाही का आरोप



शशिकांत चौबे

बीजपुर/सोनभद्र। स्थानीय थाना क्षेत्र के अंतर्गत नेमना गांव टोला मोहरी घरवही में रविवार की रात छत्तीसगढ़ के जंगल से भटक कर आए हाथियों के झुंड ने जमकर उत्पात मचाया। घर में चारपाई पर सो रही सात साल की बच्ची को घर के अंदर से खींच कर पटककर मौत के घाट उतार दिया। इतना ही नही गाँव में दर्जन भर किसानों की तैयार लाखों की खड़ी धान की फसल को रौंद कर बर्बाद कर दिया। यह सब नजारा हाथियों के झुंड से करीब पाँच सौ मीटर दूर खड़े वन कर्मियों के सामने होता रहा और वन कर्मी मूक दर्शक लाचार बन हाथयों का तांडव देखते रहे।

बताया गया कि नैना 7 पुत्री रामसजीवन अपनी मां प्रमिला के साथ अपने रिश्तेदार के घर में चारपाई पर सोई थी कि इसी बीच हाथियों का झुंड रात लगभग 11 बजे गांव में दस्तक दिया। बौखलाए हाथियों ने पहले घर को क्षतिग्रस्त कर उसमें रखा धान और मक्का को बाहर निकाल कर खाया और बाहर खड़ी एक बाइक को तोड़ दिया। जैसे ही सो रहे लोगों को हाथियों के आने की भनक लगी तो लोग घर से निकल कर भागने लगे। इसी बीच अफरातफरी में नैना हाथियों के चंगुल में आ गयी तो उसको  जमीन पर पटककर कर मौत के घाट उतार दिया। बच्ची की मौत के बाद गांव में हड़कंप मच गया।

थोड़ी देर में मौके पर वन कर्मी भी पहुँचे और उन्हीं की सूचना पर पहुंची डायल 112 नम्बर ने लाश को रात में ही उठा कर एनटीपीसी रिहंद धन्वन्तरि अस्पताल के मोर्चरी में रखवा दिया। बताया जाता है कि मृतक नैना अपनी मां प्रमिला के साथ अपने गाँव अरझट बभनी से नेमना अपने मौसी के घर तीन दिन पहले घूमने आई थी। परिजनों के अनुसार जिस घर मे यह हादसा हुआ वह जगजीवन हरिजन का घर है घटना के समय घर में छोटे बड़े कुल सात लोग सोए हुए थे और थोड़ी ही दूर पर वन कर्मियों की टीम हाथियों को जंगल में भगाने के लिए जुगत बना रही थी। इसके पहले गांव में उसी रात अर्जुन, सुग्रीव, शिवप्रसाद, सियाराम, किशुनदेव, रामकृष्ण, रामजी, सहित दर्जन भर लोगों के खेत मे खड़ी लाखों की धान फसल को रौद कर बर्वाद कर हाथी  बस्ती में दाखिल हुए थे। 

ग्राम प्रधान सीताराम ने वन विभाग से मृतक के परिवार को तत्काल मुआवजा की मांग की है, तो वहीं किसान फसल नुकसानी की क्षति पूर्ति के लिए सरकार और प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं। इस बाबत रेंजर मुहम्द जहीर मिर्जा से जब जानकारी मांगी गयी तो उन्हों ने कहा ग्रामीणों को एलर्ट किया गया था लेकिन यह घटना घट गई। सवाल उठता है अगर महकमा लोगों को एलर्ट किया था तो लोग घरों में निश्चिन्त होकर कैसे सो रहे थे जब कि हाथियों का झुण्ड तीन दिन से इलाके के जंगलों और समीपी गांवो में उत्पात मचा रहा था। खबर लिखे जाने तक लगभग एक दर्जन हाथियों का झुंड घटना स्थल से महज पांच सौ मीटर की दूर पहाड़ी पर अपना डेरा डाल रखा है। वन कर्मी उन्हें छत्तीसगढ़ के जंगल खदेड़ने के प्रयास में लगे हुए हैं।





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