गरीबों के हिस्से का अनाज डकार रहा खाद्यान्न विभाग, कोटेदारों को चार से पांच कुंतल कम मिलता है राशन
अजय सिंह उर्फ राजू
गाजीपुर। विपणन विभाग द्वारा सरकारी अनाज के गोदामों में घटतौली का खेल शुरू है। बोरियों में कम तौल के चलते कोटेदार भी परेशान हैं। इस घाटे को पूरा करने के लिए उपभोक्ता को बांटे जा रहे राशन में खेल होता है। हर एक लाभार्थी तक पूरा राशन पहुंचाने के लिए जरूरी है कि कोटेदारों को भी पूरा राशन मिले और उनकी दुकान तक राशन भी पहुंचे, लेकिन जिले में ऐसा नहीं हो रहा है। कोटेदार अपने घाटा को पूरा करने के लिए लाभार्थियों के हिस्से का अनाज डकार रहे हैं।
ऐसे ही एक मामले को लेकर बाराचवर ब्लाक स्थित सागापाली गांव निवासी कोटेदार वीरेंद्र राम ने डीएम एमपी सिंह से शिकायत किया है। आरोप लगाया कि विपणन निरीक्षक देवी शरण गौतम द्वारा प्रत्येक दुकानदार को सरकार से निर्धारित राशन नहीं दिया जाता है। बताया कि 50 कुंतल आंवटन वाले कोटेदार को ढाई से तीन कुंतल तथा 70 से 90 कुंतल वाले कोटे को 5 से 6 कुंतल राशन कम दिया जाता है। बताया कि बाराचवर ब्लाक में 94 दुकानदार है ,जिन्हें 500 कुंतल राशन कम दिया जाता है। इस घाटे की भरपाई करने के लिए कोटेदार गरीबों के हिस्से के अनाज में हेराफेरी करते हैं। उसी को लेकर लाभार्थी घटतौली का आरोप लगाते हैं।
आरोप: एक हजार कुंतल खाद्यान्न की कालाबाजारी
गाजीपुर। विपणन निरीक्षक देवी शरण गौतम इस अवैध वसूली के लिए अपना निजी एजेंट सीताराम यादव व ओमप्रकाश पासवान को रखा है। वहीं सागापाली के दुकानदार मुरार सिंह भी इनके साथ खरीद फरोख्त की बात करते है। जो इस पूरे घोटाले को अंजाम देते है। कोटेदार वीरेंद्र राम ने आरोप लगाया कि अधिकारी के एजेंट प्रति महीने आने वाले करीब 500 कुंतल अनाज जिसकी लागत 9 लाख तथा तथा कोविड-19 के तहत अतिरिक्त मद का अनाज 500 कुंतल बेच देते है । जिसकी कीमत करीब 17 से 18 लाख होती है। इसके अलावा विपणन निरीक्षक एक कुंतल पर सात रूपए ठेकेदार रामाकान्त राय को दिलवाते है। इस प्रकार विभागीय अफसर हर महीने लाखों रुपये का खेल करते है।
भ्रष्टाचार उजागर करने वाले कोटेदार पर मुकदमा
गाजीपुर। विपणन निरीक्षक के भ्रष्टाचार उजागर करने पर कोटेदार वीरेंद्र राम पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। कोटेदार ने आरोप लगाया कि विपणन अधिकारी देवी शरण गौतम ने 21 अगस्त 2020 को चालान देर से जमा करने पर यह कार्यवाही कराया है। जबकि 70 दुकानदार 21 अगस्त के बाद चालान जमा किए है। जिलाधिकारी से गुहार लगाया कि हमें भ्रष्टाचार उजागर करने की सजा मिली है जिसकी जांच की जाए और संबंधित अधिकारी के खिलाफ कड़ी कारवाई की जाए।