संविदा शिक्षकों के घर गुरुवार को नहीं जलेंगे चूल्हें, वेतन भुगतान की मांग को लेकर रखेंगे सामूहिक उपवास



जनसंदेश न्यूज़

वाराणसी। वेतन भुगतान को लेकर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के संविदा शिक्षकों का सत्याग्रह का तीसरे दिन भी जारी रहा। पिछले 4 महीनों से वेतन भुगतान न होने से क्षुब्ध 78 संविदा शिक्षक ने गुरूवार को सामूहिक उपवास का निर्णय लिया। शिक्षकों ने निर्णय लिया कि गुरूवार को इनके घरों में चूल्हा नहीं जलेगा। 

ज्ञात हो कि कोरोना काल में देश के प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के 78 संविदा शिक्षक गांधी स्मारक स्थल पर गांधी जी के विचारों के अंतर्गत सत्याग्रह पर बैठे हैं। एक तरफ देश के प्रधानमंत्री यह कहते हुए हर्ष व्यक्त कर रहे हैं कि किसी भी संस्था के कर्मचारियों को निकाला ना जाए और समय से वेतन भुगतान किया जाए, वहीं दूसरी तरफ महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के संविदा शिक्षकों का विगत 04 महीनों से वेतन भुगतान नहीं हुआ। 

इस संदर्भ में विश्वविद्यालय के कुलपति जी से समस्त 78 संविदा शिक्षक मिलकर अपनी बातों को रखते आ रहे हैं और उनके तरफ से आश्वासन पर आश्वासन दिया जा रहा था कि आप सभी शिक्षकों की मांग पूरी हो जाएगी लेकिन 04 महीने बीत जाने के पश्चात अचानक से अपने मौखिक आदेश से मुकर गए जिसके कारण समस्त संविदा शिक्षकों में रोष व्याप्त है। 



कुलपति उच्च न्यायालय के निर्णय को नहीं मान रहे हैं जबकि कार्यपरिषद की बैठक का नेतृत्व स्वयं कुलपति ही कर रहे थे। जो कि मानवीय संवेदना का घोर अपमान है। कोरोना काल में समस्त संविदा शिक्षक विश्वविद्यालय से जो भी दायित्व मिला उसका पूरे मनोयोग से निर्वहन करते चले आए हैं। इसके बावजूद विश्वविद्यालय के कुलपति संविदा शिक्षकों के साथ अन्याय प्रक्रिया अपनाने पर आतुर है। 

इस दौरान डॉ० लक्ष्मी नारायण, डॉ० आनंद कुमार यादव, मदनलाल, डॉ प्रदीप कुमार यादव, डॉ० दिनेश कुमार सोनकर, डॉक्टर अनिल दुबे, डॉ० विनोद पांडे, डॉक्टर राजेंद्र यादव, डॉ मनोज कुमार त्यागी, अभिषेक मिश्रा, डॉ अरुण कुमार श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।




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