जहरीली हो गई बनारस की हवा, गुणवत्ता बेहद खराब, आसमान में छाई धुंध

 पेड़-पौधों पर पानी के फब्बारे छोड़े जा रहे, प्रदूषण नियंत्रण विभाग की मुहिम से धुंध में थोड़ी कमी आई

वाराणसी के नदेसर स्थित एक होटल के बार पानी का छिड़काव करता कर्मचारी
जनसंदेश न्यूज

वाराणसी। प्रधानमंत्री मोदी की काशी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) अभी भी खतरे से काफी ऊपर है। काशी की हवा 'बेहद खराब' है। हालांकि पिछले दो दिनों में प्रदूषण के स्तर में थोड़ा सुधार हुआ है। फिर भी आसमान में धुंध छाया हुआ है। हवा की गुणवत्ता की स्थित अच्छी नहीं है। इस बीच प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने प्रदूषण रोकने के लिए मुहिम तेज कर दी है। पेड़-पौधों पर पानी के फब्बारे छोड़े जा रहे हैं। भवनों के निर्माण कार्य रोकने के निर्देश दिेए गए हैं।

ताजा आंकड़ों के मुताबिक बनारस में शनिवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 309 रहा। वायु का यह स्तर काफी खतरनाक माना जाता है। हालांकि पिछले दो दिनों में बनारस में वायु की गुणवत्ता सुधरी है। शुक्रवार को एक्यूआई 340 से ज्यादा था। प्रदूषण नियंत्रण विभाग की मुहिम से धुंध में कमी आई है। गुणवत्ता में सुधार हुआ है।

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड क्षेत्रीय अधिकारी कालिका सिंह ने बताया कि उनका महकमा लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है। किसानों को पराली न जलाने की हिदायत दी गई है। चेतावनी दी जा रही है कि अगर पराली जलाते कोई पाया जाएगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इधर, प्रदूषण (Pollution) का स्तर बढ़ने से बनारस में हवा लगातार जहरीली होती जा रही है। प्रदूषण की वजह से आसमान में सुबह-शाम स्मॉग यानी धुंध की चादर छाने लगी है, जिससे विजिबिलिटी काफी प्रभावित हो रही है। प्रदूषण पर लगाम लगाने का ओर ध्यान दिया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बेहद खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है।



Popular posts from this blog

'चिंटू जिया' पर लहालोट हुए पूर्वांचल के किसान

लाइनमैन की खुबसूरत बीबी को भगा ले गया जेई, शिकायत के बाद से ही आ रहे है धमकी भरे फोन

नलकूप के नाली पर पीडब्लूडी विभाग ने किया अतिक्रमण, सड़क निर्माण में धांधली की सूचना मिलते ही जांच करने पहुंचे सीडीओ, जमकर लगाई फटकार