महिलाएं वसूल रहीं बिजली बिल, स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों को सशक्त बनाने का प्रयास
पांच विकास खंडों के आठ गांवों में सस्ते गल्ले की दुकान भी कर रहीं संचालित
सुरोजीत चैटर्जी
वाराणसी। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार मिशन (एनआरएलएम) के तहत स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की एक और पहल शुरु हुई है। सेल्फ हेल्प ग्रुप्स में से चयनित सदस्यों को डोर टू डोर बिजली बिल की वसूली की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। इसके अतिरिक्त इन समूहों की कुछ महिलाएं सस्ते गल्ले की दुकान भी संचालित कर रही हैं।
घर-घर जाकर बिजली बिल का भुगतान वसूलने के लिए विद्युत विभाग से हुए समझौते के आधार पर वर्तमान में एनआरएलएम की 25 महिलाएं ‘एजेंट’ के तौर पर यह कार्य कर रही हैं। उनमें विकास खंडवार पिंडरा के कोइरीपुर खुर्द, चिरईगांव के जाल्हूपुर समेत काशी विद्यापीठ, आराजी लाइन और सेवापुरी ब्लॉक की दो गांवों में यह कार्य आरंभ हुआ है।
इन एजेंटों को प्रति बिल के भुगतान पर 20 रुपये और दो हजार रुपये से अधिक के बिल पर प्रति बिल एक फीसदी कमिशन दिया जा रहा है। ऐसी ही 300 और एजेंट बनाने की तैयारी है। उधर, चिरईगांव ब्लॉक के मुस्तफाबाद एवं पचरांव, काशी विद्यापीठ के लखमीपुर तथा कंचनपुर, हरहुआ विकास खंड के भटौली एवं बझियाबारी, चोलापुर के मवइया और पिंडरा ब्लॉक के पश्चिमपुर में स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं सस्ते गल्ले की दुकान भी संचालित कर रही है। एनअरएलएम के जिला मिशन प्रबंधक श्रवण कुमार ने बताया कि अभी और एजेंट चयनित की जा रही हैं।