बनारस से चुराई गई मां अन्नपूर्णा की मूर्ति को सौ साल बाद लौटायेगा कनाडा, जल्द ही आएगी काशी
अवैध तरीके से पहुंची थी कनाडा
मंदिर प्रबंधन को सौंपी जाएगी मूर्ति
जनसंदेश न्यूज़
वाराणसी। सौ साल पुरानी मां अन्नपूर्णा की मूर्ति जल्द ही कनाडा से काशी आएगी। कनाडा सरकार ने भारत के उच्चायुक्त को 19 नवंबर को मूर्ति सौंप दी है। माना जा रहा है कि यह प्रतिमा अवैध ढंग से काशी से कनाडा पहुंची थी। लगभग सौ साल पहले काशी से मां अन्नपूर्णा की मूर्ति गायब हुई थी। कनाडा के मैकेंजी आर्ट गैलरी में मौजूद यह मूर्ति यूनिवर्सिटी आफ रेजिना के संग्रह का अब तक हिस्सा थी। वर्ल्ड हेरिटेज वीक के दौरान भारतीय मूल की कलाकार दिव्या मेहरा की नजर इस मूर्ति पर पड़ी।
मूर्ति को देखने के बाद आर्टिस्ट ने मामला उठाया कि इसे अवैध रूप से कनाडा में लाया गया था। सक्रियता के बाद उजागर हुआ कि मैकेंजी ने सौ साल पहले भारत की यात्रा की थी और उसी समय वह वाराणसी भी आए थे। यहां से कनाडा पहुंची मूर्ति के एक हाथ में खीर और दूसरे हाथ में अन्न मौजूद है। माना जा रहा है कि इस मूर्ति को अन्नपूर्णा मंदिर से चोरी कर पहुंचाया गया था।
अब यह मूर्ति भारत में वापस आने के साथ ही उम्मीद है कि अन्नपूर्णा दरबार का सौ साल बाद एक अभिन्न हिस्सा भी बन जाएगी। क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डॉ. सुभाष चंद्र यादव ने बताया कि मूर्ति जब भारत आएगी, उसके बाद आगे की प्रक्रिया पूर्ण होगी। वैसे अभी कुछ दिन पहले कर्नाटक से चोरी हुई मूर्तियां जब भारत आईं तो उन्हें मंत्रालय ने कर्नाटक सरकार को सौंप दिया। इससे उम्मीद है कि यह मूर्ति काशी की धरोहर है और काशी आएगी।
अन्नपूर्णा मंदिर के महंत रामेश्वर पुरी के अनुसार यह मूर्ति कई दशक पहले वाराणसी से गायब हुई थी। मूर्ति मिलने के बाद उम्मीद है कि सौ साल पुरानी मां अन्नपूर्णा की मूर्ति वापस काशी आ सकेगी। उन्होंने शासन प्रशासन से मांग की है कि मूर्ति मंदिर प्रबंधन को सौंपी जाए। वहीं, मैकेंजी आर्ट गैलरी में रेजिना विश्वविद्यालय के संग्रह से माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा को अंतरिम राष्ट्रपति और विश्वविद्यालय के उपकुलपति थॉमस चेस ने कनाडा में भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया को 19 नवंबर को एक समारोह में सौंपा। 1981 में कनाडा में जन्मी दिव्या मेहरा नई दिल्ली में रह रही हैं। उन्हीं के प्रयासों से यह मूर्ति देश में वापस लाने की सूरत बनी है।