वीर हमीद सेतु पर वाहनों के लिए नो-इंट्री, दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार, 35 वर्ष में आधा दर्जन से अधिक बार क्षतिग्रस्त हुआ पुल

सेतु के ज्वाईटर 10-12 में दरार की आशंका

प्रशासन ने चार पहिया से लगायत भारी वाहन लगाया बैन 



अजय सिंह उर्फ राजू

सुहवल/गाजीपुर। परिवहन विभाग व खनन विभाग की उदासीनता के कारण ओवरलोड वाहनों के बेलगाम होते संचालन के कारण एक बार फिर हमीद सेतु के ज्वाईंटर नंबर 12 एवं 10 में दरार आने की आशंका की सूचना के बाद  आनन-फानन में जिला प्रशासन पुल के दोनों तरफ बैरिकेटिंग कर चार पहिया वाहन सहित भारी वाहनों पर अगले आदेश तक आवागमन पर रोक दिया। जिसके बाद से ही पुल के दोनों तरफ वाहनों की कतार लग गई। यह पुल मात्र 35 वर्ष के उम्र में अब तक आधा दर्जन से अधिक बार क्षतिग्रस्त हो चुका है। 

लोगों का कहना है कि जिस तरह महज 36 दिनों के अन्तराल पर दोबारा  सेतु में समस्या आई है उसके लिए परिवहन व खनन विभाग पूरी तरह से जिम्मेदार है। इनके खिलाफ उच्चस्तरीय जांच कर कार्यवाई की जाए। यही नहीं इन विभागों के कर्मियों, रसूखदार दलालों के बीच सांठ-गांठ की भी जांच होनी चाहिए। रविवार दूसरे दिन प्रशासन ने लोगों की समस्याओं को देखते हुए दूसरे दिन हल्के सवारी वाहनो बस, मैजिक, मिनी बस को हल्की छूट दी। जिससे की लोग सुकुन महसूस कर रहे है। जबकि भारी लोडेड वाहनों रोक यथावत बरकरार है। पुल में खराबी आने की सूचना पर संबंधित विभाग भी हरकत में आ गया है। उसने अपने इंजीनियरिंग टीम को मौके के लिए रवाना कर दिया है। 

इस मामले में एनएचएआई वाराणसी के परियोजना निदेशक समर बहादुर सिंह ने कहा कि सेतु के ज्वाईंटरों में ओवरलोडिंग के कारण कुछ समस्या आने की आशंका के मद्देनजर पुल से भारी वाहनों का आवागमन अगले आदेश तक रोक दिया गया है। पुल के दोनों तरफ लोहे के हाईटगेज बैरियर लगाए जायेंगे। कहा कि विभाग के तकनीकी टीम के सदस्य जल्दी ही गाजीपुर पहुंच हमीद सेतु का बारीकी से मुआयना करने के उपरांत जो रिपोर्ट मिलती है उसके बाद आगे का निर्णय लिया जायेगा।

बड़े वाहनों के रोकथाम के लिए हाईटगेज बैरियर

सुहवल। हमीद सेतु पर संबंधित विभाग के द्वारा पुल से ओवरलोड वाहनों को रोकने के लिए पुल के दोनों तरफ लोहे के हाईटगेज बैरियर लगाने के लिए बडे-बडे गड्ढे खोदे जा रहे है। वहीं ओवरलोडिंग के खेल में लिप्त लोगों में इसको लेकर खलबली मची है। इसके पहले भी हाईटगेज बैरियर लगाया गया था लेकिन किसी संभावित होने वाले हादसे की आशंका को लेकर हटा दिया गया।

ओवरलोड वाहनों की कहर से डेढ़ माह में सेतु क्षतिग्रस्त

सुहवल। पिछली बार आई पुल में खराबी के उपरान्त विभाग ने आए दिन समस्या को देखते हुए इसपर विभाग के द्वारा  करीब 80 लाख खर्च किए गये तो लोगों कि अब शायद पुल होने वाले समस्या से मुक्त हो जायेगा, लेकिन ओवरलोडिंग के खेल ने इस कदर कहर बरपाया कि पुल मात्र डेढ माह से पहले ही क्षतिग्रस्त हो गया ।

आज हमीद सेतु का हाल जानेंगे इंजिनियर

सुहवल। हमीद सेतु पर सोमवार को मरम्मत का काम शुरू होगा। इसके साथ ही दोनों तरफ लोहे के हाईटगेज बैरियर भी लगाए जायेंगे। इस कार्य को करने के लिए गुजरात के शिवम कांक्रिट कांस्टुलेन्सी कंपनी के कर्मियों के रविवार की देर शाम तक साजोसमान के साथ पहुंच सकते है। जिसके बाद इंजीनियरों की देखरेख में मरम्मत काम शुरू होगा।


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