सेवापुरी की अब आठ माह तक निगरानी, देश के पहले मॉडल ब्लॉक में अभी तक फेज-1 का ही हुआ कार्य
- कराए गये कार्यों की मॉनिटरिंग कराएंगे फेज-2 के अंतर्गत
- आठ महीनों में देखेंगे कराए गये कार्यों की स्थिति व रिजल्ट
- मॉडल ब्लॉक बनाने के लिए अब चार माह की टाइम लाइन
- अगले सप्ताह नीति आयोग के सीईओ करेंगे वर्चुअल बैठक
सुरोजीत चैटर्जी
वाराणसी। देश के पहले मॉडल ब्लॉक के तौर पर विकसित किये जा रहे सेवापुरी विकास खंड का काम अभी बाकी है। फिलहाल वहां जो भी कार्य कराए गये हैं उसे प्रथम चरण में शामिल किया गया है। अब इस ब्लॉक में दूसरे चरण की मुहिम शुरु होने वाली है। जिसके तहत अबतक कराए गये कार्यों की अगले आठ माह पर मॉनिटरिंग की कवायद है। उस बीच जिले के दो अन्य विकास खंड आराजी लाइन और काशी विद्यापीठ को मॉडल ब्लॉक के तौर पर विकसित करने की कवायद शुरू हो सकती है।
माना जा रहा था कि सेवापुरी को मॉडल ब्लॉक बनाने के लिए कराए गये सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं और अब दो अन्य विकास खंडों के लिए तैयारी आरंभ होनी है। लेकिन विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक नीति आयोग से जारी नये निर्देश कुछ और ही संकेत दे रहे हैं। जिसके तहत सेवापुरी में अभी फेज-1 के कार्यों की अंतिम तिथि 15 नवंबर तय करते हुए आयोग ने अगले आठ महीने तक उन कार्यों की निगरानी करने के लिए कहा है। ताकि कराए गये कार्यों के परिणामों का पता चल सके और विकास खंड में बदली गयी स्थिति स्पष्ट हो।
इस बारे में आगामी सप्ताह नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जनपद के अफसरों के साथ बैठक करेंगे। सेवापुरी विकास अभियान के बारे में अपराह्न दो बजे से प्रस्तावित उस मीटिंग में ‘की परफॉर्मेंस इंडीकेटर’ (केपीआई) में निर्धारित 138 प्रकार के कार्यों पर विचार-विमर्श होगा। हालांकि उस बैठक को देखते हुए यहां के अधिकारियों ने आराजी लाइन और काशी विद्यापीठ विकास खंड को मॉडल ब्लॉक बनाने के लिए विभागवार कार्ययोजनाएं तैयार कर ली हैं। आयोग की उस बैठक में इन दोनों ब्लॉकों को लेकर भी चर्चा संभावित है। खास यह भी कि मॉडल ब्लॉक बनाने के लिए अब 90 दिन का लक्ष्य निर्धारित करने के बजाय इसकी समय सीमा बढ़ाकर 120 दिन कर दी गयी है। यानी किसी विकास खंड को तय तिथि से चार महीने के भीतर मॉडल ब्लॉक का स्वरूप दे देना होगा।