स्मृति ईरानी को काला झण्डा दिखाने वाले युवा कार्यकर्ताओं पर मुकदमे की कार्रवाई का पूर्व विधायक ने की आलोचना
जनसंदेश न्यूज़
वाराणसी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री अजय राय ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राजनीतिक विरोध प्रदर्शन द्वारा विपक्ष की राजनीतिक भूमिका का समादर लोकतंत्र का अनिवार्य धर्म रहा है। उसके अधिकार का लाभ विपक्ष में रहते हुये उठाने वाली भाजपा सत्ता में बैठकर जिस तरह उसे कुचलने की रीति नीति अपना रही, उससे साबित होता है कि लोकतंत्र की संस्कृति में उसका बुनियादी भरोसा ही नहीं है।
उन्होंने बीते दिनों केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को काला झण्डा दिखाने वाले कांग्रेस के युवा कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुकदमे की आलोचना करते हुए कहा कि वाराणसी में एक केन्द्रीय मंत्री के आगमन पर काले झंडे के साथ सामान्य राजनीतिक विरोध प्रदर्शन करते हुये गिरफ्तार युवा कांग्रेस के नौ राजनीतिक कार्यकर्ताओं को, जिस तरह ढेरों अतिरिक्त गंभीर आपराधिक आरोपों में फंसा कर, अनेक धारायें उन पर फर्जी ढंग मढ़ने की प्रशासनिक साजिश हो रही है, वह लोकतंत्र में शर्मनाक है।
कहा है कि विपक्ष में रहकर लोकतांत्रिक विरोध के जिन अधिकारों का प्रयोग खुद किया जाय, उसे ही सत्ता पाने के बाद कुचलने में सत्ता शक्ति का प्रयोग करना ही तो अधिनायक प्रवृत्ति होती है। दुर्भाग्य से पं.कमलापति त्रिपाठी एवं राजनारायण सरीखे उन लोकतांत्रिक नेताओं की परम्परा वाले शहर में ऐसी दमनकारी प्रशासनिक रीति नीति चलाई जा रही है, जिनके इस बात के अनेक किस्से यहां चर्चित रहे हैं, किस तरह अपने विरुद्ध काले झंडे लेकर विरोध प्रदर्शन करने वालों के साथ दंड की कार्रवाईकी जगह वे प्रशंसा, प्रोत्साहन और समादर का व्यवहार प्रदर्शन करते थे।
उन्होंने मांग किया कि राजनीतिक विरोध प्रदर्शन में गिरफ्तार युवा कांग्रेसजन कोई अपराधी नहीं, लोकतंत्र में विरोध का धर्म निभाने वाले विशुद्ध राजनीतिक कार्यकर्ता हैं। उन्हें अनावश्यक गंभीर मुकदमों में फंसाने की दमनात्मक प्रशासनिक रीति नीति सत्तारूढ़ दल एवं प्रशासन तंत्र के विरुद्ध असंतोष एवं राजनीतिक विरोध की भावना को जनमत के बीच और उत्तेजित ही करेगा। कांग्रेस का विरोध सरकार एवं प्रशासन की जन विरोधी नीतियों से है, न कि किसी निजी राग द्वेष से प्रेरित। अतः ऐसी कार्रवाई सरकार विरोधी लोकमत को और सुलगाने का सी काम करेगी।