सारनाथ में अब अंतरराष्ट्रीय स्तर का विकास, विश्वबैंक की इस स्कीम के तहत बनेगी 100 करोड़ की परियोजना
विश्वबैंक की प्रो-पूअर स्कीम में 100 करोड़ से अधिक लागत की बनेगी परियोजना
- कमिश्नर ने प्रोजेक्ट शुरु करने को पहले से चल रहे विकास कार्य जल्द पूर्ण कराने को कहा
- बाबतपुर एयरपोर्ट से महज 20 मिनट में सीधे सारनाथ पहुंचने के लिए रिंग रोड से लिंक रोड
- इलाकाई नागरिकों समेत अन्य लोगों को भी पर्यटन के माध्यम से मिलेंगे रोजगार के अवसर
- पर्यटकों की सुरक्षा के लिए सारनाथ क्षेत्र में बिछेगा सीसीटीवी कैमरों का जाल
सुरोजीत चैटर्जी
वाराणसी। दुनिया के नक्शे पर पर्यटन और बौद्ध अनुयायियों का प्रमुख स्थल सारनाथ की सूरत बदलेगी। इस क्षेत्र के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित करेंगे। सड़क से लेकर आसपास के इलाकों को संवारा जाएगा। इस पहल से आसपास के गांव के नागरिकों समेत अन्य लोग भी लाभांवित होंगे। बाबतपुर एयरपोर्ट से यहां सिर्फ कुछ ही मिनटों में पहुंचने के लिए रिंग रोड से क्षेत्र के लिए लिंक रोड बनेगा। स्थानीय चिड़ियाघर को बेहतरीन बनाएंगे। विश्वबैंक से वित्त पोषित प्रो-पुअर स्कीम के जरिये 100 करोड़ रुपये से भी अधिक धनराशि से यह कार्य कराए जाएंगे।
मंडलायुक्त अनुश्रवण कक्ष में गुरुवार को कमिश्नर दीपक अग्रवाल इस योजना के बारे में जनपद के संबंधित अफसरों के साथ समन्वय बैठक कर रहे थे। इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये भी कई अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श हुआ। परियोजना का कुछ शुरुआती खाका चित्र के रूप में पेश किया गया। श्री अग्रवाल ने बताया कि सारनाथ में वर्ल्डबैंक की प्रो-पुअर स्कीम को अमली जामा पहनाने के बाद आसपास के क्षेत्रों में रहने वालों समेत अन्य लोगों को पर्यटन के माध्यम से रोजगार के अवसर मिलेंगे और उनकी जीवन शैली सुधरेगी। साथ ही सारनाथ आने वाले टूरिस्टों को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं मिलेंगी।
मीटिंग में मंडलायुक्त ने नगर निगम, जलनिगम, जलकल, विद्युत, लोनिवि, वन आदि अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट करने वाले महकमों के अधिकारियों को निर्देश दिया कि यदि सारनाथ में उनकी विभागीय योजना से कोई परियोजना लंबित या संभावित है तो स्थलीय निरीक्षण कर यह तय करें कि इस प्रोजेक्ट के साथ-साथ वह अपने महकमे के कार्यों को भी पूर्ण करा लें। ताकि सारनाथ में भारी भरकम धनराशि खर्च कर प्रो-पुअर स्कीम के तहत विकास सुनिश्चित हों।
उन्होंने कहा कि विश्वबैंक से वित्त पोषित यह परियोजना के कार्य आरंभ होने के बाद अन्य किसी कार्य की परमिशन नहीं देंगे। परियोजना में छोटे-छोटे कलस्टर चिह्नित कर अलग-अलग फैसिलिटी सेंटर भी बनेंगे। सुहेलदेव तिराहा से धर्मपाल चौराहे तक सैर या चहलकदमी के लिए पाथ-वे (प्रोमिनेड) बनेगा। इसी मार्ग पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के आधुनिक विकास के अंतर्गत सड़क, वेंडिंग जोन, स्ट्रीट लाइट, पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित कराने के लिए बड़े पैमाने पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
सारनाथ आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए इलाके की कनेक्टिविटी रिंग रोड से जोड़ेंगे। फलस्वरूप बाबतपुर के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से टूरिस्टों को सारनाथ पहुंचने में महज 15 से 20 मिनट का वक्त लगेगा। बैठक में एसएसपी अमित पाठक, वीडीए उपाध्यक्ष राहुल पांडेय, उत्तर प्रदेश पर्यटन के क्षेत्रीय कार्यलय के पर्यटन अधिकारी कीर्तिमान श्रीवास्तव समेत संबंधित विभागों के अफसर और अभियंता मौजूद थे।
मिनी जू होगा विकसित
- सारनाथ को अंतरराष्टकृीय स्तर पर विकसित करने की चल रही तैयारी के क्रम में कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने गुरुवार को हुई मीटिंग में बताया कि वहां के मिनी जू को लगभग चार करोड़ रुपये की लागत से मृगदाव के तौर पर विकसित किया जाएगा। इसके लिए प्रभागीय वनाधिकारी प्रोजेक्ट तैयार करेंगे। डीयर पार्क को आकर्षक बनाए के लिए वहां कुछ नए जानवर लाए जाएंगे। बुद्ध थीम पार्क के निकट वाहन पार्किंग, फूड कोर्ट आदि की व्यवस्था होगी।
हस्तशिल्प को मिलेगा बढ़ावा
- हस्तशिल्प उद्योग से जुड़े सारनाथ के आसपास की ग्राम सभाओं को चिह्नित कर वहां स्किल डेवलपमेंट सेंटर स्थापित होंगे। रामनगर, काशीपुर, चुरामनपुर और फुलवरिया में बनने वाले हस्तशिल्प प्रोडक्ट के स्किल डेवलपमेंट के उद्देश्य से स्किल सेंटर बनेगा। कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने गुरुवार को हुई बैठक के दौरान संबंधित अफसरों को इसके लिए विश्वबैंक के मानक के अनुसार परियोजना बनाकर भेजने के निर्देश दिये।