सामुदायिक शौचालयों में घटिया सामग्री का इस्तेमाल! सरकार की योजनाओं का पलीता लगा रहे प्रधान और ब्लॉककर्मी



जनसंदेश न्यूज 
कठवामोड़/गाजीपुर। ग्राम पंचायतों में योगी सरकार की मंशा पर खुलेआम पानी फेरने में प्रधान से लेकर ब्लॉक कर्मचारियों द्वारा बीड़ा उठा लिया गया है। सरकार की महात्वाकांक्षी योजनाओं में प्रत्येक गांव में एक सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया जाना है। जिसमें ठेकेदारों द्वारा ग्राम प्रधान और सचिव की शह पर घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसा ही मामला सदर विकास खंड स्थित मिरदादपुर गांव में सामुदायिक शौचालय निर्माण में देखने को मिला। जहां शौचालय निर्माण में घटिया सामग्री प्रयोग किए जाने की शिकायत ग्रामीणों ने संपूर्ण समाधान दिवस पर किया।


मिरदादपुर गांव के शिकायकर्ताओं का आरोप है कि ग्राम पंचायत में मानक के विपरित कार्य कराया जा रहा है। निर्माण कार्य में लगाएं गये ईट तीन नंबर की घटिया सामाग्री है। इसके साथ ही निर्माण कार्य के दौरान बनाएं गये नींव में कहीं भी छड़ का प्रयोग नहीं किया जा रहा है। यह शौचालय को पोखरी-नाले के समीप बनाया जा रहा है। जिसमें पीलर की आवश्यकता होती है, लेकिन कहीं भी पीलर का निर्माण नहीं कराया गया है। 


इस मामले को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती तो निर्माण कार्य को ठप कराया जाएगा। इसके साथ ही आंदोलन के लिए भी मजबूर होंगे। पत्रक देने वालों मदन कुशवाहा, बबलू बिंद, अशोक, चंद्रमा, संजय, अंगद,मन्ना आदि मौजूद रहें।


इस संबंध में ग्राम विकास अधिकारी शैलेन्द्र यादव ने बताया कि जानकारी पर  शौचालय कार्य तत्काल रोक दिया गया है। ईट सामग्री सहित जो भी कार्य मानक के विपरीत है। उसे हटवा कर नए सिरे से मानक के हिसाब से कार्य कराया जाएगा।



सामुदायिक शौचालय में होगी सुविधाएं


गाजीपुर। शासन के निर्देश पर शौचालयों के निर्माण में जनसंख्या के आधार पर सामुदायिक शौचालयों और पंचायत भवनों को दो से आठ सीट तक निर्माण कार्य कराया जा रहा है। अधिकतर गांवों में जनसंख्या दो से तीन हजार तक के लिए चार सीटर शौचालय बनवाया जा रहा है। जिसमें महिलाओं का दो टॉयलेट, दो बाथरूम एक ड्रेसिंग रूम और पुरुषों के लिए दो टॉयलेट, दो बाथरूम, एक ड्रेसिंग रूम के अलावा एक वासबेसिन रूम सहित ग्यारह खाना बनाया जा रहा है। जिसकी 23 बाई 27 साइज होनी चाहिए। टैंक पांच फीट की होनी चाहिए। समरसेबुल सहित अत्याधुनिक सभी सामान लगे होने चाहिए। जिसकी लागत पांच लाख इकहत्तर हजार रुपये होगी। 


 


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