प्राकृतिक खेती के गुर सीखने कुरुक्षेत्र जाएंगे यूपी के किसान, इस राज्य के राज्यपाल ने किया आमंत्रित


हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने अपने क्षेत्र में किया आमंत्रित


- सिर्फ एक गाय के माध्यम से 30 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बढ़िया ढंग से खेती संभव


- गोबर, गोमूत्र, बेसन, गुड़, मिट्टी, पानी मिलाकर सात दिन में तैयार होती है खाद


- एक हे. में बढ़ा सकते हैं पैदावार, आमदनी में ढाई लाख रुपये तक की वृद्धि भी


- गर्वनर सत्यदेव ने अपनाया है हिमाचल प्रदेश में चल रहा जीरो फार्मिंग कॉन्सेप्ट



सुरोजीत चैटर्जी
वाराणसी। प्राकृतिक खेती और फसल के निर्यात का गुर सीखने के लिए उत्तर प्रदेश के प्रगतिशील किसान कुरुक्षेत्र जाएंगे। उनमें पूर्वांचल के कृषक भी हिस्सेदारी करेंगे। वहां पर उन्हें गौ आधारित खेती-बाड़ी का सुरक्षित और आधुनिक तरीका बताया जाएगा। तकनीक कुछ ऐसी है कि सरल प्रयासों से एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में न सिर्फ उपज बढ़ाना संभव है बल्कि आमदनी में भी औसतन दो से ढाई लाख रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है। हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने पहल करते हुए यह न्योता दिया है।


श्री आर्य स्वयं हरियाणा के कुरुक्षेत्र में धान, गेहूं और बागवानी आदि कराते हैं। इसके लिए उन्होंने हिमाचल प्रदेश में प्रमुख सचिव जेसी शर्मा के बाग में जैविक खेती के क्षेत्र में जीरो बजट फार्मिंग के उदाहरण बन चुके पद्मश्री सुभाष पालेकर की बता यी तकनीक पर आधारित खेती को अपनाया है। कुरुक्षेत्र में चल रही खेती में ग्लोबल वार्मिंग से बचने समेत जहर-रोगमुक्त तकनीक अपनायी जा रही है। जिसमें सिर्फ एक देशी गाय से 30 एकड़ तक की खेती संभव है।


इस तकनीक के अंतर्गत गोबर, गोमूत्र, बेसन, गुड़, मिट्टी और पानी मिलाकर सिर्फ 6-7 दिनों के भीतर ‘जीवामृत’ व ‘घनामृत’ खाद तैयार कर खेत की मिट्टी में छिड़क दिया जाता है। फलस्वरूप खेत की न सिर्फ उर्वरा श्क्ति में वृद्धि होती है बल्कि मृदा में जीवांश कार्बन 0.3 फीसदी से बढ़कर 0.9 प्रतिशत हो जाता है। मिट्टी में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश की मात्र खुद ब खुद बढ़ जाती है।


हरियाणा के राज्यपाल श्री आर्य ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वेबिनार) के माध्यम से यूपी के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही, कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव देवे चतुर्वेदी और विभिन्न जनपदों के प्रगतिशील किसानों के साथ बातचीत कर किसानों को कुरुक्षेत्र स्थित अपने खेत और बागों के जरिये प्रशिक्षित होने का निमंत्रण दिया। इस मौके पर मीरजापुर और शामली समेत कई जिलों के प्रगतिशील किसानों ने अपने-अपने अनुभव भी साझा किये।


वहीं, प्रमुख सचिव कृषि ने श्री आर्य को उत्तर प्रदेश में नमामि गंगे के तहत गंगातट पर बसे गांवों में चल रहे ‘अर्थ गंगा’ अभियान की जानकारी देते हुए परंपरागत कृषि विकास योजना के बारे में बताया। विभागीय जानकारी के मुताबिक श्री आर्य से मिले निमंत्रण पर जल्द ही प्रदेश सरकार सूबे के विभिन्न जनपदों के प्रगतिशील किसानों को कुरुक्षेत्र भेजेगी जिसमें प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र के किसानों समेत पूर्वांचल के कई जिलों के किसान भी शामिल रहेंगे। कारण, केंद्र सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कई स्तर पर पहल कर रही है।



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