फर्जी शिक्षक नियुक्ति: जालसाजों पर बीएसए द्वारा एफआईआर के आदेश के बावजूद विभाग मेहरबान

उप सचिव एवं डिप्टी डायरेक्टर ले चुके है संज्ञान

जनसंदेश न्यूज 
गाजीपुर। समाज कल्याण विभाग फर्जी शिक्षक नियुक्ति के मामले में फंसता जा रहा है। विभाग द्वारा संचालित स्कूल में नौकरी पाने के लिए तीन शिक्षकों ने फर्जी दस्तावेज लगाए थे। बेसिक शिक्षा विभाग से बैक डेट में अनुमोदन लिया गया था।  दरअसल, मामला अफसरों के सज्ञान में तब आया जब इस फर्जीवाड़ा का बेसिक विभाग को समाज कल्याण उप सचिव ने विभाग से वेतन भुगतान को लेकर इन कागजातों का सत्यापन करने को कहा। 


विभागीय जांच में इन शिक्षकों के अनुमोदन में निर्वतमान बेसिक अधिकारी अशोक यादव का फर्जी हस्ताक्षर बनाया गया था। 2018 में बैक डेट में सभी कागजातों को पूरा किया गया था। बेसिक शिक्षा अधिकारी श्रवण कुमार गुप्ता ने संबंधित शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को आदेश जारी किया था। लेकिन समाज कल्याण विभाग लगातार इस फर्जीवाड़ा पर पर्दा डालने में लगा रहता है। विभाग में यह फर्जीवाड़ा का मामला काफी दिनों से चल रहा है, जिसमें जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में भी इसी फर्जीवाड़े की जांच करने को लेकर बेसिक विभाग में समाज कल्याण वाराणसी डिप्टी डायरेक्टर केएल गुप्ता ने सभी कागजातों का स्वयं जांच किया था।  


उन्होंने बेसिक विभाग से शिक्षको के किए अनुमोदन की डिस्पैच रजिस्टर की फोटो कॉपी अपने साथ ले गए। लेकिन दो माह बाद भी शिक्षक नियुक्ति फर्जीवाड़े के आरोपी पर कार्रवाई नहीं हुई। बतादें, समाज कल्याण विभाग से संचालित नोनहरा स्थित प्राइमरी पाठशाला में सतीश यादव, जमानियां के अनुसुचित जाति क्रमोत्तर विद्यालय में रितेश कुमार यादव तथा भानु प्रसाद गुप्ता रामपुर कुकुढ़ा में शिक्षक के पद पर तैनाती के बाद वेतन भुगतान के लिए विभाग से अनुमति मांगा था। जिनके प्रमाणपत्र सत्यापन में बड़ा फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया था।



 


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