मोदी सरकार का दिवाली गिफ्ट, सरकारी कर्मचारियों को LTC+10000 फेस्टिवल एडवांस, राज्यों को भी बड़ी सौगात



जनसंदेश न्यूज़

नई दिल्ली। फेस्टिवल सीजन (Festival season) के पहले सरकार देश के सरकारी कर्मचारियों को दिवाली गिफ्ट (Diwali Gift) दिया है। सरकार ने कर्मचारियों को एलटीसी कैश बाउचर स्कीम (LTC Cash Boucher Scheme) देने के साथ ही 10 हजार रुपये फेस्टिवल एडवांस के रूप में दे रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने इसकी घोषणा की। 

संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि महामारी से अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ाने के लिए दो प्रस्ताव पेश किए हैं। पहला ‘एलटीसी कैश वाउचर स्कीम’ और दूसरा ‘स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम’ है। स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम के तहत सरकारी कर्मचारियों को 10,000 रुपये फेस्टिवल एडवांस देगी। साथ ही कर्मचारियों को एलटीसी में टिकट किराये का भुगतान नकद में किया जाएगा। 

एलटीए का होगा कैश भुगतान

कंज्यूमर खर्च बढ़ाने के लिए एलटीसी के तहत कैश वाउचर स्कीम का ऐलान किया गया है। इसके तहत केंद्रीय कर्मचारियों को 4 साल में एक बार एलटीसी का लाभ दिया जाएगा। एक एलटीसी उन्हें भारत में कहीं भी घूमने के लिए और एक होमटाउन जाने के लिए दिया जाएगा। भारत में कहीं और नहीं घूमने की स्थिति में होमटाउन जाने के लिए दो बार एलटीसी का लाभ दिया जाएगा। इस स्कीम के तहत कर्मचारियों के स्केल और पद के आधार पर उन्हें हवाई या ट्रेन यात्रा की प्रतिपूर्ति दी जाएगी। इसके अलावा 10 दिन की छुट्टी का भी प्रावधान होगा। एलटीसी के लिए नकद पर सरकार का खर्च 5,675 करोड़ रुपये बैठेगा। सार्वजनिक उपक्रमों और बैंकों को 1,900 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। 

सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा फेस्टिवल एडवांस

साथ ही सरकारी कर्मचारियों को 10,000 रुपये फेस्टिवल एडवांस के तौर पर दिये जाएंगे। ताकि त्योहारों के समय सरकारी कर्मचारियों के पास खरीदारी के लिए पैसा हो। इसका लाभ केवल एक ही बार दिया जाएगा। इस स्कीम के तहत सभी केंद्रीय कर्मचारी बिना ब्याज के 10,000 रुपये प्रीपेड रुपे कार्ड के जरिए ले सकते हैं। इसे 31 मार्च 2021 से पहले खर्च करना होगा।

राज्यों को ब्याज मुक्त स्पेशल लोन ऑफर

इसके अलावा राज्यों को 50 साल के लिए बिना ब्याज के पूंजीगत व्यय के लिए 12,000 करोड़ रुपये का स्पेशल लोन देने का भी प्रावधान है। निर्मला सीतारमण ने बताया कि पूर्वोत्तर राज्यों के लिए पहले हिस्से के तौर पर 1,600 करोड़ रुपये और उत्तराखंड हिमाचल प्रदेश के लिए 900 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है। इसके अलावा दूसरे हिस्से में अन्य राज्यों को कुल 7,500 करोड़ रुपये स्पेशल लोन के रूप में दिये जाने का प्रस्ताव है।


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