हमीद सेतु पर शुक्रवार से फिर दौडेंगे हल्के-भारी वाहन, गाड़ियों के लिए भार क्षमता निर्धारित

अत्याधिक भार-क्षमता वाहनों पर होगी सख्त कार्रवाई


तीन जुलाई से सभी तरह के वाहनों पर लगा था प्रतिबंध

जनसंदेश न्यूज 
सुहवल/गाजीपुर। महात्मा गांधी के जयंती पर महीनों से बंद पड़ा वीर अब्दुल हमीद सेतु को सभी तरह वाहनों के लिए इंजीनियरों के रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन ने शर्तों के साथ शुक्रवार से खोलने का निर्णय लिया है। सेतु के  खुलने की खबर मिलते ही स्थानीय लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई। क्योंकि महीनों से बंद सेतु से स्थानीय लोगों के व्यापार पर भारी मार पड़ रही है। 


इसके अलावा आने-जाने के लिए विभिन्न मार्गो का सहारा लेना पड़ता है इससे आर्थिक मार भी पड़ रही थी। इसके साथ ही प्रशासन ने संबंधित थाना प्रभारियों को सख्त हिदायत दी है कि निर्धारित भार वाले वाहनों से  अधिक भार क्षमता वाले वाहनों के संचालन पाए जाने संबंधित के खिलाफ सख्त कार्यवाई की जायेगी । लोगों का कहना है कि अब पुल खुलने से आम दैनिक दिनचर्या जहाँ पूरी तरह से बहाल हो जायेगी। 


वहीं महीनों से बन्द पड़ी विभिन्न आर्थिक गतिबिधियों के अपनी पटरी पर आने की पूरी संभावना है। पुल के पिछले दिनों सात जून से सेतु के ज्वाईंटर की रोलर बेयरिंग खिसकने से दरार पड़ गई थी। जिसके कारण पुल को आनन-फानन में सभी तरह के भारी वाहनों व तीन जुलाई से मरम्मत शुरू होने के बाद सभी तरह के हल्के वाहनों के लिए मरम्मत पूरा होने तक वाहनों का आवागमन प्रतिबन्धित कर दिया था।



जिसके चलते गंगापार से बिहार व जमानियाँ की तरफ से आने वाले वाहनों मिनटों का सफर करीब 250 किमी की दूरी कई घंटों में तय कर आना जाना पड़ रहा था। इस मामलें में जमानियाँ के उपजिलाधिकारी सत्यप्रिय सिंह ने कहा कि पुल की मरम्मत पूरी होने व एनएचएआई की रिपोर्ट मिलने के बाद आलाधिकारियों के निर्देश पर हल्के व भारी वाहनों के लिए पुल को खोले जाने का निर्णय लिया गया है। कहा कि पुल से ओवरलोड वाहन किसी भी सूरत में नहीं गुजरात सकेंगे। इसकी जिम्मेदारी सभी संबंन्धित थाना प्रभारियों की होगी लापरवाही पर सख्त कार्यवाई की जायेगी।


निर्धारित भार-क्षमता वाले वाहनों ही रहेगी संचालित
सुहवल। प्रशासन व एनएचएआई के द्वारा हमीद सेतु से गुजरने वाले निर्धारित भार-क्षमता वाले वाहनों का विवरण निम्न्वत है।
छह चक्का - 12.500 टन।
दस चक्का - 18 टन।
बारह चक्का - 24 टन।
चौदह चक्का-30 टन।
अट्ठारह चक्का - 34 टन।
बाइस चक्का - 38 टन। 


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