हाथरस में पुलिस की किलाबंदी, पहरा हाई, सियासत गरमाई


हाथरस में मीडिया के जाने पर पाबंदी, अफसर जवाब देने से बच रहे, पीड़ितों से मिलने पर रोक, विपक्ष की लगातार मिलने की कोशिश जारी 


लखनऊ में सपा कार्यकर्ताओं पर बरसीं लाठियां, टीएमसी नेता ममता ठाकुर का गंभीर आरोप, महिला पुलिसकर्मियों ने खींचे हमारे ब्लाउज, धक्का-मुक्की में गिरे डेरेक ओ ब्रायन, निर्भया की वकील सीमा कुशवाहा की भी एडीएम से तीखी बहस, जंतर-मंतर पर केजरीवाल की अपील, आरोपियों को कठोर दंड मिले


 



लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती से कथित गैंगरेप और मौत को लेकर अब घमासान बढ़ता ही जा रहा है। हाथरस में पुलिस ने रेप पीड़िता के गांव में पूरी तरह से किलेबंदी कर दी है और नेताओं से लेकर मीडिया की एंट्री को बैन कर रखा है। किसी भी नेता या मीडिया वालों को पीड़िता के घर तक जाने नहीं दिया जा रहा है। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत कई कांग्रेसी नेता हाथरस जाने की कोशिश में थे, मगर पुलिस ने उन्हें भी नहीं जाने दिया। ठीक उसी तरह शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस के सांसदों को भी पुलिस ने गांव में प्रवेश करने से रोक दिया है। फिलहाल, हाथरस कांड के बाद से योगी सरकार और यूपी पुलिस विपक्ष के निशाने पर आ चुकी है। 


इधर, लखनऊ में शुक्रवार को सपा कार्यकतार्ओं का भी प्रदर्शन जारी रहा। हाथरस कांड और कृषि संबंधी नये कानून के विरोध में मौन व्रत पर बैठने के लिए जा रहे समाजवादी पार्टी कार्यकतार्ओं को शुक्रवार को हजरतगंज इलाके में पुलिस ने आगे नहीं जाने दिया। कई सपा विधायक और वरिष्ठ पार्टी नेता पार्टी कार्यालय से जुलूस के रूप में निकले और हजरतंगज स्थित गांधी प्रतिमा तक जाने का प्रयास किया तो उन्हें रोक दिया गया। इस पर पार्टी नेताओं और पुलिस अधिकारियों के बीच बहस हुई। सपा नेताओं पर पुलिस ने बल प्रयोग किया।


 एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, हमने कुछ सपा विधायकों और कार्यकतार्ओं को हिरासत में लिया है। उन्हें हजरतगंज से दूर ले जाया गया है। यह कानून व्यवस्था की स्थिति को न बिगड़ने देने के लिए किया गया है।
वहीं टीएमसी की ममता ठाकुर ने कहा कि हमलोग पीड़िता के परिवार से मिलने जा रहे थे, मगर हमलोगों को नहीं मिलने दिया गया। जब हमने जाने के लिए जोर दिया तो महिला पुलिस कर्मियों ने हमारे ब्लाउज को खींचा और हमारी सांसद प्रतिमा मंडल पर लाठी चार्ज किया, जिससे वह गिर गईं। पुरुष पुलिस अधिकारी ने उन्हें टच भी किया। यह शर्मनाक है। बताया जा रहा है कि हाथरस में पीड़ित परिवार के गांव के बाहर पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखी है। इतना ही नहीं, हाथरस पीड़िता के घर जाने के क्रम में टीएमसी प्रतिनिधिमंडल में शामिल डेरेक ओ ब्रायन के साथ धक्का-मुक्की की गई है। वीडियो जारी किया है, पीड़िता के परिवार से मिलने की जिद पर अड़े टीएमसी सांसदों और पुलिस के बीच धक्कामुक्की हुई है और फिर डेरेक ओ ब्रायन गिर गिए। उत्तर प्रदेश पुलिस ने मृतक पीड़िता के गांव को पूरी तरह से सील कर दिया है। हाथरस में धारा 144 लगा दी है। राजनीतिक दलों के कार्यकतार्ओं को भी जाने से रोका जा रहा है। गांव में भी किसी को भी एंट्री नहीं दी जा रही है। हाथरस छावनी में तब्दील हो चुकी है। चप्पे-चप्पे पुर पुलिस का पहरा है। 


इधर, हाथरस कांड के विरोध में देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। वहीं वहीं निर्भया का केस लड़ने वाली अधिवक्ता सीमा कुशवाहा पीड़ित परिवार से मिलने बूलगढ़ी जाना चाहती थीं। उन्हें गांव के मोड़ पर चंदपा के पास पुलिस प्रशासन ने रोक दिया। रोक की वजह न बता पाने पर एडीएम से उनकी बहस हुई। एडीएम पर सीमा कुशवाहा ने तीखी नाराजगी जताई। हाथरस पीड़िता की मौत के बाद उत्तर प्रदेश से लेकर दिल्ली तक पूरा मामला सियासी रूप ले लिया है। यूपी सरकार के खिलाफ दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। 


इस प्रदर्शन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी पहुंचे हैं। वामपंथी दल, भीम आर्मी और छात्र संगठनों के सदस्य जंतर मंतर पर हाथरस की घटना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों के बीच सीपीआइ नेता डी राजा, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी और भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर पहुंचे हैं। बंद किए गए राजीव चौक और पटेल चौक मेट्रो स्टेशन के एग्जिट गेट खोल दिए गए हैं। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पहुंचकर कहा कि पूरा देश चाहता है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। सरकार को इस मामले में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। इस समय, पीड़ित परिवार को हर संभव मदद की जरूरत है।


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