चौकसी के बावजूद हड़तालियों ने की बत्ती गुल, हा-हाकार, शहर से लेकर गांवों तक कटौती

- शहर से लेकर गांवों तक बिजली कटौती से बढ़ा संकट


- विद्युत आपूर्ति न होने के कारण गहराया पेयजल संकट


- तमाम उपकेंद्रों और फीडरों की निगरानी हो गयी फेल


- ग्रामीण क्षेत्रो में नलकूप पड़ गये ठप, सिंचाई प्रभावित



सुरोजीत चैटर्जी
वाराणसी। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम को निजी हाथों में सौंपे के विरोध में सोमवार से शुरु बिजली कर्मियों की बेमियादी हड़ताल का असर पहले ही दिन शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण इलाकों में दिखने लगा। पुलिस-प्रशासन की तमाम कवायदों के बावजूद कई जगह बत्ती गुल रही। बिजली न होने के भारी उमस, गर्मी से लोग परेशान हैं। कई इलाकों में पेयजल संकट को लेकर हा-हाकार की स्थिति बन गयी है। दर्जनों गांवों में बिजली न होने के चलते नलकूप ठप हो गये। लोगों के इनवर्टर भी जवाब देने लगे।


कई जगह आक्रोशित नागरिक सड़क पर भी उतरे। कुछ इलाकों में घंटों बत्ती गुल होने के बाद बिजली सप्लाई सुचारु हो सकी। विद्युत व्यवस्था सुचारु रखने के लिए कमिश्नरी कार्यालय, जिला प्रशासन और सिटी कमांड कंट्रोल सेंटर में स्थापित कंट्रोल रूम में लगातार शिकायतें दर्ज की जाती रहीं। दूसरी ओर, आंदोलित बिजली कर्मियों की सभा भिखारीपुर में जारी रही।
विद्युक कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की इस हड़ताल से जनपद में कई जगह सुबह बिजली कटी तो लोगों ने समझा कि रुटीन कटौती हुई है और कुछ ही देर में सप्लाई बहाल हो जाएगी लेकिन दो घंटे तक आपूर्ति सुचारु न होने पर प्रभावित इलाकों के लोगों ने कंट्रोल रूम और बिजली दफ्तरों में फोन करने लगे। कई बार फोन मिलाने पर हड़ताल की सूचना दी गयी। नाटी इमली, औसानगंज, ईश्वरगंगी, बुनकर कॉलोनी, धूपचंडी, संजय नगर कॉलोनी, घौसाबाद, नदेसर, जैतपुरा, गढ़वासी टोला, ब्रह्मनाल, चौक, गुरुबाग, लक्सा, केराकतपुर, भिटारी, चांदपुर, लोहता, चुरामनपुर, चंदापुर, पंचकोशी, पुरानापुल, आशापुर, हवेलिया, बरईपुर, फरीदपुर, अकथा, हीरावनपुर, घुरहूपुर, दनियालपुर, सारनाथ समेत दर्जनों क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक सप्लाई बाधित रही। महकमे को दफ्तरों और एसडीओ आदि को फोन करने पर उन्होंने कहा कि हड़ताल चल रही है।



तमाम इलाकों में सुबह नौ बजे से कटी बिजली शाम छह बजे बजे के बाद ही सुचारु हो सकी। आदमपुर क्षेत्र में रात्रि 8.15 बिजली व्यवस्था बहाल हुई। जिन इलाकों में बिजली कटौती हुई वहां लोग पानी के लिए तरसते रहे। सातों महुआ उपकेंद्रपर ताला लगा रहा। इससे जुड़े कई फीडर प्रभावित होने के हरहुआ, अहरक, एलपीजी, अकला, बड़ागांव, सेहमलपुर, बेलवरिया के किसानों को संकट का सामना करना पड़ा। पेयजल संकट के चलते ग्रामीणों ने हैंडपंप का सहारा लिया। उन्होंने टोल फ्री नंबर पर शिकायत करने की असफल कोशिश की।


कई अफसरों को मोबाइल फोम ऑफ रहे। दोपहर में 12 बजे एडीएम प्रशासन व एसपीआरए ने सातो महुआ उपकेंद्र का जायजा लिया। कई लोगों ने मुख्यमंत्री के पोर्टल पर भी शिकायत की। बत्ती गुल होने के चलते हरहुआ क्षेत्र में राजमार्ग पर अंधेरा छाया रहा। बड़ागांव इलाके के कुड़ी और अनेई क्षेत्र के बाजार शाम से अंधेरे में रहे। उससे पूर्व पानी की किल्लत से ग्रामीण परेशान थे। यहीं हाल पिंडरा, थानारामपुर, फूलपुर, करखियाव, मंगारी व सिंधोरा इलाके का रहा।



गजोखर उपकेंद्र धरने पर बैठे ग्रामीण
पिंडरा। बिजलीकर्मियों हड़ताल के चलते स्थानीय क्षेत्र के तमाम गांवों में देर रात तक विद्युत आपूर्ति बहाल न होने के कारण गजोखर स्थित 33 केवीए सबस्टेशन पर ग्रामीणों ने धरना दिया। साथ ही शासन-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष राजीव कुमार राजू के नेतृत्व में इस उपकेंद्र पर पहुंचे लोगों ने कहा कि जबतक विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं होगी तबतक धरना जारी रहेगा। उन्होंने सरकार पर ग्रामीणों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। धरने में रवींद्र कुमार, प्रदीप कुमार, विशाल, रामकमल मिश्र, विवेक मिश्र, योगेश मिश्र, पंकज चौहान, कौशल मिश्र, बलराम राजभर, दिनेश सिंह, गोपाल राम और लक्ष्मीकांत आदि शामिल रहे। दूसरी ओर, पिंडरा उपकेंद्र पर भी लोगों ने पहुंचकर नाराजगी जतायी। पिंडरा में व्यापारियों ने लगभग एक घंटे तक हंगामा किया।



नियंत्रण कक्ष के फोन नंबर
- कमिश्नरी कार्यालय में 0542-2502158, वाराणसी जिले में टोल फ्री नंबर 1912, भिखारीपुर स्थित कार्यालय में 0542-2300136, सिगरा स्थित सिटी कमांड सेंटर 0542-2221944


उपकेंद्रों पर है चौकसी
- वाराणसी जनपद में में एक 440 केवीएक के एक, 220 केवीए के चार, 132 केवीए के आठ, 32ध् 11 केवीए के 82 सबस्टेशन और 229 फीडर स्टेशन चिह्नित किये गये हैं।



 


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