पीडब्ल्यूडी: तीन वर्ष पहले हुआ भुगतान, जब आई जांच की बारी तो हड़बड़ी में किया सड़क निर्माण

ग्रामीणों ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप, संबंधित अभियंता पर कार्रवाई की मांग  



जनसंदेश न्यूज 

गाजीपुर। लोक निर्माण विभाग में सड़क निर्माण कार्यो में बड़ा खेल करने का मामला सामने आने लगा है। विभागीय अधिकारियों ने सरकार की आंख में धूल झोंक कर बड़ा भ्रष्टाचार किया है। जिसका खुलासा ग्रामीणों की सीडीओ से शिकायत के बाद कार्य शुरू होने से हुआ है। जांच से बचने के लिए सड़क निर्माण कार्य में कई ठेकेदार लगा दिए गए है। वहीं ग्रामीण विभाग की जांच कराने की मांग पर अड़ा हुआ है।   

गौरतलब है कि, पीडब्ल्यूडी विभाग को व्यापार विकास निधि के तहत जिले में सड़क निर्माण कार्य कराने के लिए शासन ने बड़ी धनराशि अवमुक्त किया था। जिसके बाद इस निधि के तहत विभिन्न क्षेत्रों में सड़क निर्माण कराना था। लेकिन विभागीय अधिकारी बिना सड़क निर्माण कराए ही भुगतान कर दिया। कासिमाबद के करमा गांव निवासियों ने इसकी लिखित शिकायत बीते गुरूवार को सीडीओ श्रीप्रकाश गुप्ता से की है। 

जिसके बाद उक्त सड़क पर विभागीय अधिकारियों ने मंगलवार को जांच से बचने के लिए सड़क निर्माण कार्य शुरू करा दिया है। इस कार्य को कराने के लिए जिले के बड़े ठेकेदारो को जिम्मेदारी सौंप दी है। आपको बता दें कि, ग्रामीणों ने सीडीओ को पत्र के माध्यम से बताया था कि कासिमाबाद विकास खंड स्थित करमा गांव में वर्ष 2017 में सड़क निर्माण कार्य शुरू किया गया था। परंतु सिर्फ भस्सी डालकर उसको छोड़ दिया गया था। 

लोक निर्माण खंड-3 द्वारा सड़क निर्माण आर्यनगर से करमा गांव जिसकी लंबाई 1200 मीटर है, उस पर तीन साल पहले लगभग चार इंच भस्सी की कुटाई के बाद कार्य बंद हो गया था। आरोप लगाया कि निर्माण कार्य दिखाकर विभागीय अधिकारियों ने इस सड़क पर लाखो का भुगतान करा लिया है। इसकी जांच कर दोषी अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का मांग किया था। दरअसल, आर्यनगर से करमा संपर्क मार्ग पर व्यापार विकास निधि के तहत 65 लाख धनराशि सरकार से अवमुक्त थी। 




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