एक ही कैंपस में कई संचालित संस्थाओं की जांच, बीएड, बीटीसी कालेजों का होगा भौतिक सत्यापन करेगी तीन सदस्यीय टीम

छात्रवृति व शुल्क प्रतिपूर्ति की जांच से हड़कंप



अजय सिंह उर्फ राजू

गाजीपुर। बीएड एवं बीटीसी कालेजों के मानक की जांच के लिए शासन ने तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। समिति अल्पसंख्यक कल्याण की अध्यक्षता में की गई है। जिसमें समाज कल्याण, पिछड़ा वर्ग  के डिप्टी डायरेक्टर शामिल है। वहीं समिति से जांच के दौरान  जिलाधिकारी के निर्देशन में कार्य करने का कहा गया है।

जिले में बीएड व बीटीसी कालेजों के मानक तथा छात्रवृति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति की जांच की जिम्मेदारी पिछड़ा वर्ग कल्याण डिप्टी डायरेक्टर अजीत सिंह को मिली है। शासन की तरफ नामित अधिकारी एक सप्ताह के भीतर सभी कालेजों का सत्यापन करने का निर्णय लिया है। जिसके तहत विभाग ने सभी कालेजों से पांच बिन्दुओं पर सूचना दो दिन के अंदर  मांगी है। वहीं विभाग में मंगलवार को करीब 55 कालेजों ने हार्डकापी सहित सूचना दे दी है। 

जिले में 281 बीएड व बीटीसी कालेज संचालित है। जिसमें करीब 15 हजार छात्र पंजीकृत है। शासन द्वारा तीन सदस्यीय जांच टीम गठित के बाद कालेज संचालकों में हड़कंप मच गया है। दरअसल, शासन ने निजी क्षेत्र के कालेजों में छात्रवृति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति तथा एक ही कालेज कैंपस में कई मान्यताएं चलाने संबंधित अनियमितताएं आने पर जांच टीम का गठन किया है। जांच टीम को निर्देश दिया गया है कि बीएड बीटीसी कालेजों का मानक कैंपस एवं भूमि का गहनता से भौतिक सत्यापन करें। 

इसके साथ ही कालेजों में विभिन्न वर्गो के छात्र छात्राओं को दी जा रही छात्रवृति का लाभ पात्र लाभार्थियों तक पहुंच रहा है या नहीं इसकी सघनता से जांच की जाए। शासन ने समिति से स्पष्ट कहा कि जिलाधिकारी के साथ समन्वय बनाकर संबंधित कालेजों की जांच की जाए। जिसके तहत जिलाधिकारी एमपी सिंह ने जांच टीम के साथ एडीएम को नामित किया है।  

कालेजों में शिक्षण व्यवस्था का अभाव

गाजीपुर। जिले में कालेजों की बात करें तो प्रदेश में इनका स्थान है। करीब 300 से अधिक कालेज संचालित होते है। उनमें मेडिकल, पालीटेक्निक, आईटीआई से लेकर बीएड ,बीटीसी जैसी संस्थाएं है। कालेजों के मानक की बात करें तो अधिकतर जगह एक ही कैंपस में कई संस्थाए संचालित होती है। वहीं कुछ संचालक तो डिग्री कालेज कैंपस में इंटर से लेकर अन्य कक्षाए भी चलाते है।

डिग्री कालेजों और बीएड बीटीसी की बात करें तो यहां शिक्षण व्यवस्था का भी अभाव है। अधिकतर जगह तो सिर्फ एडमिशन तक ही भीड़भाड़ दिखता है। संस्थाओं में छात्रों से मनमाना फीस वसूली की जाती है। बीटीसी एवं बीएड में तो अनुपस्थित के नाम पर भी अवैध वसूली होती है।

कालेजों की आधारभूत ढांचा और भूमि की होगी जांच   

गाजीपुर। शासन से नामित जांच अधिकारी पिछड़ा वर्ग कल्याण डिप्टी डायरेक्टर अजीत सिंह बीएड बीटीसी कालेजों के सत्यापन के लिए पांच बिन्दुओं पर जांच करेंगे। जिसके तहत वर्ष 2019 -20 एवं 2020-21 में बीएड एवं बीटीसी पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए आयोजित राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा में निर्धारित नीति छात्रों के प्रवेश हेतु  न्यूनतम कटआफ अंक , सीटो के सापेक्ष अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति छात्रों के लिए आरक्षण नियमों के अनुसार सीटों पर कितने प्रवेशित छात्र है। 

इसके अलावा  संस्थानों की मान्यता पाठ्यक्रम में स्वीकृत सीट एवं निर्धारित शुल्क, बीएड एवं बीटीसी पाठ्यक्रमों के अध्यापको की मानक के अनुसार न्यूनतम अर्हता तथा संस्थानों में अध्यापन कार्य के लिए कक्ष की संख्या एवं आवश्यकतानुसार कालेजों का आधारभूत ढांचा और संस्थान जिस भूमि पर चल रहा है उस भूमि पर अन्य प्रकार के संस्थानों का जांच करेंगे।  

जांच टीम का कालेज प्रशासन करें सहयोग: नरेन्द्र विश्वकर्मा  

गाजीपुर। पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी नरेन्द्र विश्वकर्मा ने बताया कि करीब 55 विद्यालयों ने जांच बिन्दुओं के आधार पर हार्डकापी के साथ सूचना प्रस्तुत कर चुके है। सभी कालेजों को दो दिन के अंदर सूचना विभाग में देनी है। वहीं कालेजों द्वारा विभाग को दी गई साक्ष्य सहित सूचना की एक कॉपी कालेज पर भी रखना है। ताकि जांच टीम को सत्यापन के दौरान दिखाया जा सके। यदि किसी कालेज संचालक द्वारा जांच टीम के साथ असहयोग किया गया तो उनके खिलाफ नियमानुसार  विधिक कार्रवाई किया जाएगा।




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