तीन हिन्दूओं ने खून देकर बचाई मुस्लिम महिला की जान


सतेंद्र चौधरी


बिजनौर। एक ओर जहां जाति धर्म के नाम पर छोटी छोटी बात पर एक दूसरे की जान के दुश्मन बन रहे है। वहीं नूरपुर के तीन हिन्दूओं ने खून देकर ने केवल एक मुस्लिम महिला की जान बचाई है बल्कि इंसानियत और गंगा जमुनी तहजीब का परिचय देते हुए नई मिसाल पेश की है।

दरअसल उत्तर प्राथमिक शिक्षा मित्र के संघ के ब्लाक अध्यक्ष बून्दू खां की धर्मपत्नी फातिमा खातून के पेट में रसौली थी। इसके कारण उनकी पत्नी की हालत दिनोंदिन बिगडती जा रही थी। गुरुवार को ज्यादा हालत बिगडने पर उन्हें उपचार के लिए बिजनौर के निजी अस्पताल मंे ले जाया गया। तो वहां चिकित्सकों ने आप्रेशन की सलाह देते हुए तीन यूनिट खून की व्यवस्था करने को कहा। फातिमा को बी पाजिटिव खून की जरुरत थी। बून्दू खां इस ग्रुप के खून के लिए ब्लड बैंक गये लेकिन वहां कोई व्यवस्था नही हो पायी। रिश्तेदारों में भी कोई बी पाजिटिव नही मिला। इस बात का पता उनके शिक्षामित्र साथियों प्राथमिक विद्यालय चांगीपुर में सेवारत संजीव यादव,संविलियन विद्यालय झीरन में सेवारत धर्मेन्द्र कुमार और लोकेन्द्र चैधरी को लगा तो तीनों रात में ही ब्लड दान के लिए बिजनौर पहुंचे और अपना खून देकर उनकी धर्मपत्नी की जान बचाई। खून मिलने के बाद फातिमा की हालत स्थिर होने पर चिकित्सकों ने उसका आप्रेशन किया। आप्रेशन सफल बताया जाता है। तीनों शिक्षामित्रों के इस प्रयास की चहुंओर प्रशंसा की जा रही है। साथ ही तीनों ने इंसानियत और गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल को कायम रखकर मिसाल पेश की है।

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