कलश यात्रा के साथ पांच दिवसीय चतुर्यमास लक्ष्मी-नरायन यज्ञ का शुभारंभ

मंगलगीत, मंत्रोचार और जयकारों से गूंजा पूरा क्षेत्र

कार्यक्रम में कोविड प्रोटोकॉल और सरकारी दिशा निर्देशों का हुआ पालन



प्यारेलाल यादव

चिरईगांव। विकासखण्ड के बर्थराकला (गोपालापुर) में विश्व गुरु त्रिदंडी स्वामी जी के पादु शिष्य जीयर प्रपन्न स्वामी जी केे सानिध्य में आयोजित पांच दिवसीय चतुर्यमास लक्ष्मी नरायन महायज्ञ का विद्वान ब्राम्हणों के मंत्रोचार से विधिवत शुभारंभ हुआ। इस दौरान मुख पर मंगलगीत, माथे पर कलश और मन में श्रद्धाभाव लिये सैकड़ों की संख्या में महिलायें और पुरूषों ने कलश यात्रा में हिस्सा लिया।

कोविड-19 व सरकारी निर्देशों के अनुपालन को ध्यान में रखकर यज्ञ कमेटी द्वारा कलश यात्रा की सूचना का प्रचार प्रसार नहीं किया गया था। जिसके कारण श्रद्धालुओं की संख्या सीमित रही। इसके बावजूद सैकड़ों की संख्या में महिलाएं मंगलगीत गाते हुए गेरूआ रंग का कपड़ा धारण किए माथे पर कलश लेकर यज्ञस्थल से गंगा जल लेने के लिए तीन पेडवां मन्दिर से होकर मां गंगा के किनारे पहुंची।



जहां से गंगा जल कलश में भरकर माथे पर कलश लिए मंगलगीत गाते हुए यज्ञ स्थल की ओर रवाना हुई। कलश यात्रा में साथ-साथ चल रहे स्वामी जी के अनुयायियों के त्रिदंडी स्वामी जी की जय, जीयर स्वामी महराज जी की जय, हर हर महादेव जैसे नारे लगाये। जिससे पूरा क्षेत्र भक्ति मय हो गया। पांच दिवसीय महायज्ञ की पूर्णाहुति 31 नवम्बर को होगा। हर रोज दूर दूर से आये प्रकाट्य विद्वानों, कथावाचकों एवं सन्तों द्वारा प्रवचनों की अमृत वर्षा होगी।



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