पूर्व विधायक के हत्यारोपी हिस्ट्रीशीटर ‘सन्नी’ की गिरफ्तारी को लेकर ताबड़तोड़ छापेमारी, पेट्रोल पंप पर तड़तड़ाई थी गोलियां



अजय सिंह उर्फ राजू 

सैदपुर/गाजीपुर। थानाक्षेत्र के देवचंदपुर स्थित पेट्रोल पंप पर बुधवार की रात बदमाशों द्वारा त्रिभुवन सिंह की हत्या के बाद गांव में दूसरे दिन सन्नाटा पसरा रहा। गांव पूरा पुलिस छावनी तब्दील में हो गई है वहां सिर्फ पुलिस के बूटों की धमक गूंज रही थी। वहीं घटना के बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर करमवीर सिंह उर्फ सनी के मकान के कुछ अवैध हिस्सों को जेसीबी लगवाकर ढहा दिया।

हत्यारोपी करमवीर और मृतक त्रिभुवन का घर बेहद करीब है। एक प्रकार से दोनों पड़ोसी ही थे। वहीं बदमाशों की तफ्तीश में क्राइम ब्रांच समेत एसपी द्वारा गठित सभी 5 टीमें ताबड़तोड़ छापेमारी करके हत्यारों की तलाश में जुटी हैं। शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक शहरी गोपीनाथ सोनी कोतवाली पहुंचे और वहां घंटों तक बैठकर हत्याकांड को लेकर कोतवाल रविंद्र भूषण मौर्य से गहन वार्ता किए।

हालांकि इस मामले में पुलिस को हत्यारों का न तो कोई लोकेशन मिला है और न ही अभी तक कोई सफलता मिली है। पुलिस उनकी तलाश में हाथ पांव मार रही है। 

मुख्य हत्यारोपी बचपन से ही था खुंखार   

सैदपुर। टीएन सिंह हत्याकांड मुख्य हत्यारोपी करमवीर सिंह पहली बार 2007 में सपा विधायक बीजू पटनायक सोनकर की दिनदहाड़े हत्या के बाद गिरफ्तार हुआ था। लेकिन उस समय उसे नाबालिग होने का फायदा मिला था। ऐसा नहीं है कि उसने अचानक ही ये घटना की थी। बल्कि उसका दिमाग बचपन से ही बेहद खूंखार था। अपनी स्कूली जीवन में नगर के एक निजी स्कूल में उसने भयंकर मारपीट की घटना को अंजाम दिया था। 

उसके स्कूल में पढ़ने वाले सहपाठियों का कहना है कि उसी घटना का नतीजा है आज भी उक्त स्कूल में उसके गांव के बच्चों का प्रवेश या तो लिया नहीं जाता या फिर प्रवेश में बेहद कठिनाई होती है। यहां तक कि जब वो किशोरावस्था में था तो बीजू पटनायक की हत्या के एक दिन पहले तक नगर के एक निजी कोचिंग संस्थान में पढ़ता था और वहां भी काफी मनबढ़ई करता था। जिससे सभी उससे खौफ में रहते थे और कोई उससे उलझता नहीं था।

सीसीटीवी फुटेज से सुराग में जुटी पुलिस

सैदपुर। त्रिभुवन सिंह हत्याकांड में पुलिस संदेह के आधार पर करीब आधा दर्जन संदिग्धों को उठाकर पूछताछ कर रही है। साथ ही मामले की सीसीटीवी फुटेज से मिले कार के नंबर को ट्रेस किया जा रहा है। इधर लोगों का कहना है कि बदमाश निश्चित ही अभी जिले के अंदर ही किसी सुरक्षित स्थान पर छिपे होंगे। क्योंकि पहले के समय में अपराध करके अपराधी सीमा पार कर जाते थे लेकिन अब उन्हें पता होता है कि अपराध होते ही सबसे पहले सीमाएं सील होती हैं। ऐसे में अपराधी अब भी जिले की सीमा में ही होंगे।




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