क्या मूल आवश्यकताओं का ना मिलना देगा नई क्रांति को चुनौती?
डॉ. दिलीप सिंह
इंदौर। बचपन से लेकर बड़े होने तक बाबा साहेब ने कई पीड़ाओं का सामना पूरी मजबूती के साथ किया। समानता की लड़ाई उनकी सबसे मुख्य लड़ाई रही है। एण्ड टीवी के शो ‘एक महानायक डॉ बी. आर. आम्बेडकर’ के आगामी एपिसोड में एक और बड़ी घटना घटने वाली है। रामजी सकपाल (जगन्नाथ निवांगुने) और उनके परिवार पर काफी अत्याचार किया जाएगा और उनके समुदाय को पीने के साफ पानी से वंचित रखा जाएगा, जो जीने के लिए अत्यधिक आवश्यक है।
इस तरह के हालातों से कैसे बाबासाहेब (आयुध भानुशाली) और गांव वाले पानी की कमी से जूझेंगे और इस परेशानी का हल ढूंढेंगे? जगन्नाथ निवांगुने ने कहा, बाबासाहेब का असली संघर्ष तब शुरू होता है जब वह जातिवाद भेदभाव का शिकार हुए लोगों को एक साथ लाकर उनके जीवन के लिये जरूरी चीजों को दिलाने की लड़ाई में उनका नेतृत्व करते हैं।
हर किसी को उसकी आम जरूरतों को पूरा करने का अधिकार है और अपने गांव के लोगो को साफ पानी से वंचित देखकर युवा भीमराव के मन में इसमें सुधार करने का बीज पनपने लगा। यह एक बहुत बुरी स्थिति है जो पूरे के पूरे समुदाय को मुसीबत में डाल देगी और उनके पास अपने जीवन के लिए लड़ाई करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है।