प्रॉपर्टी कार्ड पाकर खिले ग्रामीणों के चेहरे, स्वामित्व योजना के तहत कमिश्नरी और नौ राजस्व गांवों में बांटी घरौनी

- पायलट फेज में सेवापुरी विकास खंड के लगभग 600 लोगों को दिया ‘रिकॉर्ड ऑफ राइट्स’

- जनपद के प्रत्येक गांव में छह माह में भू-संपत्ति मालिकों को मिलेगा यह कार्ड: कौशल राज

- स्वामित्व अभिलेख से बैंक से ले सकेंगे लोन, वित्तीय संपत्ति के रूप में होगी अपनी भू-संपत्ति



सुरोजीत चैटर्जी

वाराणसी। ग्रामीण भारत में सुधार लाने और गांव के लोगों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से आरंभ स्वामित्व योजना के तहत रविवार को सेवापुरी विकास खंड के नौ राजस्व गांवों के लगभग 600 लोगों को उनका प्रापर्टी कार्ड (घरौनी) डिजिटल रूप में उपलब्ध कराया गया। अपनी भू-संपत्ति का यह ‘रिकॉर्ड ऑफ राइट्स’ मिलने पर लाभार्थियों के चेहरे खिल उठे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से की गयी इस पहल से हमारी जमीन को लेकर किसी भी प्रकार के विवाद की स्थिति नहीं रहेगी। कोई अन्य व्यक्ति हमारी भू-संपत्ति पर गलत ढंग से दावा नहीं कर सकेगा।

मंडलायुक्त अनुश्रवण कक्ष में हुए इस कार्यक्रम के बाद चिहिन्त गांवों में चयनित पात्रों को भी यह कार्ड डिजिटल स्वरूप में प्रमाण-पत्र के तौर पर वितरित किया गया। पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को स्वामित्व योजना का वर्चुअल शुभारंभ करते हुए संबोधित किया। वेबलिंक पर इस कार्यक्रम का प्रसारण कमिश्नरी अनुश्रवण कक्ष में डीएम कौशल राज शर्मा व अन्य अफसरों समेत सेवापुरी ब्लॉक से आमंत्रित 18 लाभार्थियों ने देखा। उसके बाद डीएम ने वहीं पर ग्रामीणों को घरौनी वितरित की।



इस मौके पर श्री शर्मा ने बताया कि स्वामित्व योजना जनपद में अबतक सिर्फ नौ राजस्व गांवों में लागू था लेकिन आज से यह जिले के सभी विकास खंडों में जारी हो गया है। आगामी छह माह के भीतर घरौनी वितरण का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह स्कीम गांवों में जमीन संबंधी तमाम विवाद समाप्त करने में कारगर होगी। स्वामित्व अभिलेख के जरिये बैंक से लोन ले सकेंगे। भू-संपत्ति का मालिक अपनी प्रॉपर्टी को वित्तीय संपत्ति के रूप में उपयोग कर सकता है।

केंद्र सरकार के पंचायती राज मंत्रालय की इस योजना में भू-संपत्ति मालिक को अन्य कई आर्थिक लाभ भी प्राप्त होंगे। इस योजना के भू-संपत्ति मालिक अपने मोबाइल फोन पर एसएमएस से प्राप्त लिंक से संपत्ति कार्ड डाउनलोड कर सकेंगे। उसके बाद सरकार संपत्ति कार्ड का फिजिकल वितरण करेगी। सेवापुरी और मिर्जामुराद प्रतिनिधियों के अनुसार सेवापुरी विकास खंड के चयनित गांवों के विभिन्न स्थान पर रविवार को पात्रों को इस कार्ड का वितरण शाम तक चला।



तैयार करेंगे संपत्ति रिकॉर्ड

- स्वामित्व योजना में पायलट फेज के तहत यूपी, हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड और कर्नाटक के 763 गांवों में प्रॉपर्टी कार्ड वितरण योजना शुरु की गयी है। स्कीम में अब तक 1.31 करोेड़ लोग पंजीकृत हो चुके हैं। स्कीम का क्रियान्वयन चार साल में यानी 2024 तक चरणबद्ध ढंग पूर्ण करने के लक्ष्य के साथ 6.62 लाख गांवों को आच्छादित करेंगे। उनमें से आरंभिक चरण में पायलट फेज के अंतर्गत एक लाख गांवों को 2021 तक कवर करने का टार्गेट है। सर्वे ऑफ इंडिया के जरिये गांवों में ड्रोन सर्वे कर डिजिटल संपत्ति कार्ड आदि तैयार करेंगे। इस योजना के तहत चयनित छह राज्यों के 763 गांवों के लोग लाभांवित। उनमें यूपी के 346, हरियाणा के 221, महाराष्ट्र के 100, मध्यप्रदेश के 44, उत्तराखंड के 50 और कर्नाटक के दो गांव शामिल हैं।

कमिश्नरी में लिया कार्ड

- मंडलायुक्त अनुश्रवण कक्ष में रविवार को डीएम कौशल राज शर्मा ने सेवापुरी विकास खंड के जिन राजस्व गांवों के लोगों को यह डिजिटल घरौनी सर्टिफिकेट सौंपा उनमें मड़ैया की सरस्वती एवं चंद्रावती, बीरमपुर के प्रशांत सिंह तथा राजेश सिंह, रसुलहां के विजय बहादुर, सरोजा देवी और फूलपत्ती, हिततापुर के कमलेश, उमाशंकर, मुंशी, रामजी, प्रेम कुमार, गणेश गौड़ तथा लक्ष्मण, रानिक्स के दीनानाथ व रामउजागिर तथा देवापुर कला के बृजेश और जवाहिर शामिल रहे।



विभिन्न राज्यों में नाम अलग

- देश के अलग-अलग राज्यों में संपत्ति कार्ड को अलग-अलग नाम दिए गए हैं। यूपी में इसे ‘घरौनी’ के नाम से जाना जाएगा। इसी प्रकार हरियाणा में ‘टाइटल डीड’, कर्नाटक में ‘रूरल प्रॉपर्टी ओनरशिप रिकॉर्ड’ (आरपीओआर), मध्यप्रदेश में ‘अधिकार अभिलेख’, महाराष्ट्र में ‘सनद’, और उत्तराखंड में ‘स्वामित्व अभिलेख’ नाम दिया गया है।

सेवापुरी ब्लॉक में बंटे कितने कार्ड

- महाराजपुर में 73, हिततापुर में 52, रानिक्स में 120, भोरखुर्द में 15, देवापुर कला में 30, वीरमपुर में 68, रसुलहा में 162, मड़ैया में 48 तथा किन्नूपुर में 23 समेत कुल 591 गृह स्वामियों को घरौनी उपलब्ध कराया गया।










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