सरकारी गोदामों में सड़ गया 32 हजार टन प्याज, इसलिए निकल रहे लोगों के आंसू

 देश के बफर स्‍टॉक में बचा सिर्फ 25 हजार टन

नई दिल्ली। प्याज अब लोगों को रुला रहा है। खुदरा बाजारों में इसकी कीमतें आसमान छू रही हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में यह 75 से 120 रुपये किग्रा के भाव बेचा जा रहा है। बिहार चुनाव में जब प्याज मद्दा बनने लगा तब सरकार को इसकी कीमतें काबू में करने की सूझी। अब इसके स्टाक को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है।

खबर है कि बफर स्टॉक में रखे एक लाख टन में से करीब 32 हजार टन प्याज सड़ गया है। यह बफर स्टॉक नैफेड ने तैयार किया था। गोदामों में सरकारी प्याज सड़ने के मुद्दे पर पहले भी सवाल उठाए जाते रहे हैं। यह मुद्दा संसद में भी उठ चुका है।

नैफेड के प्रबंध निदेशक संजीव कुमार चड्ढा बताते हैं कि अबकी बफर स्टॉक के लिए एक लाख टन प्याज की सरकारी खरीद हुई थी। बफर स्टॉक से करीब 43 हजार टन प्याज निकाला जा चुका है। प्याज की बर्बादी के बाद करीब 25 हजार टन प्याज ही बचा है, जो दिवाली से पहले खत्म हो जाएगा। नवंबर के पहले सप्ताह तक खत्‍म हो जाएगा।

जनवरी 2020 में खाद्य व सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने कहा था कि स्टॉक में आयातित प्याज सड़ रहा है। तब राज्यों ने प्याज लेने से मना कर दिया था। अब बाजारों में प्याज की घरेलू आवक बढ़ने के कारण कीमतों में गिरावट आई है, जिसके बाद आयातित प्याज की मांग कमजोर पड़ गई। संकट बढ़ने पर केंद्र सरकार ने करीब एक लाख टन प्याज का आयात करने का निर्णय लिया है, ताकि कीमतों को काबू में किया जा सके।

Popular posts from this blog

'चिंटू जिया' पर लहालोट हुए पूर्वांचल के किसान

लाइनमैन की खुबसूरत बीबी को भगा ले गया जेई, शिकायत के बाद से ही आ रहे है धमकी भरे फोन

नलकूप के नाली पर पीडब्लूडी विभाग ने किया अतिक्रमण, सड़क निर्माण में धांधली की सूचना मिलते ही जांच करने पहुंचे सीडीओ, जमकर लगाई फटकार