योगी सरकार में हिन्दूवादी नेताओं और ब्राम्हणों का उत्पीड़न बढ़ा, बोले, कहीं कमलेश तिवारी जैसा ही ना हो.....

लगाया आरोप, हिन्‍दूवादी नेता अरूण पाठक की हत्‍या करवानेे का रचा जा रहा कुकृत्य


विश्व हिन्दू सेना के राष्ट्रीय सचिव दिग्विजय चौबे ने पत्रकारवार्ता में सरकार पर साधा निशाना



जनसंदेश न्यूज़
वाराणसी। प्रदेश में योगी सरकार बनते ही जिस तरह हिन्दूवादी नेताओं की हत्या और ब्राह्मणों पर उत्पीड़न बढ़ा है। इससे साफ जाहिर होता है कि वर्तमान सरकार सिर्फ कुर्सी की राजनीति कर रही है। मठ-मंदिरों के नाम पर भोली-भाली जनता का दुरुपयोग हो रहा है। उक्त बातें विश्व हिन्दू सेना के राष्ट्रीय सचिव दिग्विजय चौबे ने पत्रकारवार्ता के दौरान कही। प्रेसवार्ता में जगद्गुरु सम्पतकुमाराचार्य भी मौजूद रहे। 


अरुण पाठक के अभियान को गिनाया
बतादें, वाराणसी जनपद में गत दिनों एक नेपाली युवक द्वारा 15 सौ रुपये लेकर सिर मुंडवाकर जय श्रीराम का नारा लगवाने के बाबत दिग्विजय चौबे ने अपनी बात रखी। उन्होंने संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुण पाठक के खिलाफ पुलिस द्वारा लगाने गए सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि अरुण पाठक लगभग तीस वर्षों से हिन्दुत्व की लड़ाई लड़ते आ रहे हैं। 1992 से लेकर आज तक उन्होंने राम मंदिर निर्माण अभियान, फिल्म वॉटर का विरोध, कार सेवा, माधवराज पर झंडा फहराने सहित काशी में मां श्रृंगार गौरी का नित्य दर्शन शुरू करवाने जैसे तमाम ऐतिहासिक आंदोलनों का धार दी है।


जनता देगी मुंहतोड़ जवाब
योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए दिग्विजय चौबे ने कहा कि यह सरकार नहीं चाहती कि उनके कार्यकाल में कोई भी हिन्दूवादी संगठन या नेता आगे बढ़े। जिस अखिलेश सरकार ने हिन्दू नेता कमलेश तिवारी को वाई प्लस सुरक्षा में रखा था उसको इसी योगी सरकार ने वापस ले लिया। सुरक्षा हटते ही कमलेश तिवारी की निर्मम हत्या कर दी जाती है। इसी प्रकार अरुण पाठक के लिए भी योगी सरकार ऐसा ही कोई कुकृत्य करवाना चाहती है। उन्होंने बताया कि चाइनीज सामानों का विरोध करते हुए अरुण पाठक एक बार फिर हिन्दुत्व का प्रमुख चेहरा बनते जा रहे थे। इसीलिए योगी सरकार और उनकी पुलिस ने कूटनीति के तहत उनके खिलाफ अनाप-शनाप आरोप लगाकर श्री पाठक को बदनाम कर रही है। आने वाले 2022 के चुनाव में जनता इसका मुंहतोड़ जवाब देगी।


सरकार और प्रशासन का यह रवैया निराशाजनक
श्री दिग्विजय का समर्थन करते हुए स्वामी सम्पतकुराचार्य ने कहा कि इसी मामले में विगत दिनों स्थानीय पुलिस हमारे मठ में जुते पहनकर जबरन घुस गई और पूरे परिसर को अपवित्र कर दिया। शिष्यों द्वारा मना करने के बावजूद मनबढ़ पुलिस जुते पहनकर ठाकुर जी की सिद्ध प्रतिमा के पास भी चली गई। स्वामी श्री ने कहा कि अरुण पाठक हिन्दू धर्म के लिए कराए गए कई वृहद हवन-पूजन के लिए प्रमुख यजमान रहे हैं। अदालत के बिना कोई निर्देश के स्थानीय पुलिस ने अरुण पाठक को फरार और अपराधी घोषित कर दिया। एक हिन्दूवादी चेहरे के खिलाफ सरकार और प्रशासन का यह रवैया ठीक नहीं।


 


Popular posts from this blog

'चिंटू जिया' पर लहालोट हुए पूर्वांचल के किसान

लाइनमैन की खुबसूरत बीबी को भगा ले गया जेई, शिकायत के बाद से ही आ रहे है धमकी भरे फोन

नलकूप के नाली पर पीडब्लूडी विभाग ने किया अतिक्रमण, सड़क निर्माण में धांधली की सूचना मिलते ही जांच करने पहुंचे सीडीओ, जमकर लगाई फटकार