विंध्याचल धाम में पूर्वांचल का पहला डबल रोप वे तैयार, सीएम योगी नवरात्र में दे सकते हैं सौगात 



जनसंदेश न्यूज़
मीरजापुर। जिले में अष्टभुजा पर्वत पर पूर्वांचल का पहला रोपवे बनकर तैयार हो गया है। मां के धाम में आने वाले भक्तों को राहत और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नवरात्रि में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सौगात दे सकते है। दो भाग में बने रोप वे की लंबाई कुल 466 मीटर हैं तो लागत करीब 16.40 करोड़ रुपया हैं। 


पर्यटन की अपार संभावना वाले जनपद में प्रकृति का अनुपम खजाना बिखरा पड़ा है। करीब आधा किलोमीटर लम्बे रोपवे को दो पार्ट में बनाया गया है। पहला काली खोह मन्दिर से अष्टभुजा मन्दिर की जिसकी लंबाई 286 मीटर हैं तो दूसरा अष्टभुजा पहाड़ से नीचे सड़क तक चलाया जाएगा। जिसकी लम्बाई 180 मीटर हैं।  पर्यटन विभाग की तरफ से पीपीपी मॉडल पर रोपवे तैयार किया गया है। 



विंध्याचल आने वाले भक्तों को अब रोपवे से जंगल, पहाड़ और मनोरम दृश्यों को देखने का अवसर मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर्यटन को बढ़ावा देने और भक्तों की सुविधा के लिए नवरात्रि में इसे चालू कर दिया जायेगा। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। करीब आधा किलोमीटर लम्बे रोप वे को दो पार्ट में बनाया गया है। पहला काली खोह मन्दिर से अष्टभुजा मन्दिर की लंबाई 286 मीटर हैं तो दूसरा अष्टभुजा पहाड़ से नीचे सड़क तक चलाया जाएगा। जिसकी लम्बाई 180 मीटर हैं। माता अष्टभुजा देवी के दर्शन के लिए भक्तों को करीब डेढ़ सौ सीढ़ी चढ़ने उतरने की जरूरत नहीं पड़ेगी।



मां विंध्यवासिनी का दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को इस नवरात्र में रोप वे की सवारी करने का मौका मिलेगा। रोपवे का शुभारम्भ होने के बाद विंध्याचल में टूरिस्टों की संख्या में वृद्धि होगी। लोगों को विंध्य पहाड़ियों का दृश्य देखने को प्राप्त होगा। तमाम लोगों को रोजगार का भी अवसर प्राप्त होगा। मां विंध्यवासिनी, अष्टभुजा तथा काली खोह में दर्शन के लिए भारत के कोने-कोने से लाखों की संख्या में भक्त आते हैं। त्रिकोण पथ पर मां काली खोह पहाड़ पर मां काली के दर्शन-पूजन करने के पश्चात 135 सीढ़ी चढ़ाई चढ़कर मां अष्टभुजा देवी जाना पड़ता है। विदेशी भक्त यहां का मनोरम नजारा देखने पहुंचते हैं। रोप-वे लोगों के लिए आकर्षण और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार प्रदान करने वाला होगा। 



छह वर्ष से जारी निर्माण कार्य अब पूर्ण हुआ है ।नई दिल्ली की एक कंपनी से रोप-वे निर्माण का करार साल 2014 में हुआ था. लगभग 6 साल बाद रोप-वे बनकर तैयार है। पर्यटन विभाग की तरफ से पीपीपी मॉडल पर रोप-वे का निर्माण कराया गया है। रोप वे मार्ग सोलर लाइट से जगमगाएगा इसके लिए निरीक्षण करने पहुंचे जिलाधिकारी ने प्वाइंट तय किया है। 



आकर्षण का केंद्र बनेगा रोपवे - डीएम 
जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल ने बताया कि एक साथ दो रोपवे  का निर्माण हुआ है। पहला काली खोह से ऊपर अष्टभुजा के पहाड़ी पर आता है। दूसरा अष्टभुजा मंदिर से होकर नीचे जाता है। एक की लंबाई 180 मीटर है और दूसरे की लंबाई 286 मीटर है। दोनों का टेक्निकल क्लीयरेंस जुलाई में हो चुका है । दोनों की लागत लगभग 16 करोड़ 40 लाख अनुमानित की गई है। मैं मानता हूं कि इस रोप वे के संचालन से लोगों में एक आकर्षण का होगा। हमारा जो पर्यटन है खासकर बच्चों में उत्साह दिखेगा। बच्चों के संग वृद्ध जन को भी आनन्द मिलेगा।  खासकर जिन लोगों को  पैरों में दिक्कत है पैदल चलने में असमर्थ हैं काली खोह से अष्टभुजा  मंदिर आना चाहते हैं उनके लिए बहुत बढ़िया होगा। पर्यटन की दिशा में एक सराहनीय कदम हैं ।


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